ईएमए, MACD और परवलयिक एसएआर चालू है IQ Option

5 मिनट के चार्ट के लिए सुपर सरल परवलयिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति IQ Option

परवलयिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति

लंबे समय तक चलने वाले पदों पर ट्रेडिंग IQ Option प्रस्तुत व्यापार जीतने की उच्च संभावना। हालाँकि, आपको पता होना चाहिए कि बाजारों की दिशा आप एक लंबे व्यापार में प्रवेश करने से पहले ले रहे हैं। इस गाइड में, मैं आपको ट्रेंड रिवर्सल की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए 3 अलग-अलग संकेतकों का उपयोग करना सिखाऊंगा। यह आपको लंबे समय तक प्रवेश करने में मदद करेगा जीतने वाले व्यापार पर IQ Option प्लेटफार्म पर ट्रेड कैसे करना है|

पैराबोलिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति के लिए चार्ट सेटअप

एक बार जब आप अपने ट्रेडिंग खाते में प्रवेश कर लेते हैं, तो आपको पहले प्रत्येक संकेतक को व्यक्तिगत रूप से सेट करना चाहिए। अगला, संकेतक टैब पर "जोड़ा" सुविधा पर क्लिक करें। यह सभी संकेतक जोड़े जाएंगे। नीचे दिए गए "संकेतक संकेतक सहेजें" लिंक पर क्लिक करें।

यह आपको उन्हे फिर से अलग-अलग सेट करने के बजाय, भविष्य के ट्रेडों में 3 संकेतकों के इस सेट को उपयोग करने की अनुमति देता है

संकेतक का सेट iq option

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ध्यान दें कि प्रत्येक संकेतक की सेटिंग्स को आपकी ट्रेडिंग रणनीति और प्राथमिकताओं के अनुरूप समायोजित किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि आप 30-मिनट के अंतराल पर व्यापार कर रहे हैं, तो आप निम्नानुसार सेटिंग्स बदल सकते हैं: EMA10 और MACD 12, 0.26 और 9 का उपयोग करें।

अपने ट्रेडिंग चार्ट पर, 5 मिनट की समय सीमा का उपयोग करें जापानी मोमबत्तियाँ.

पैराबोलिक एसएआर के साथ कौन सा संकेतक सबसे अच्छा काम करता है?

संकेतकों को मिलाना कभी आसान नहीं होता। आपको अपने द्वारा उपयोग किए जाने वाले औजारों को अर्थ के साथ जोड़ना होगा। पीएसएआर को अक्सर चलती औसत के साथ जोड़ा जाता है। हमारी रणनीति के लिए आज परवलयिक एसएआर को एमएसीडी और औसत ईएमए के साथ जोड़ा गया है। हम एक साथ तीन संकेतकों से संकेत प्राप्त करना चाहते हैं, जिससे एक सफल व्यापार की संभावना बढ़नी चाहिए।

संकेतकों का संयोजन करते समय यह बहुत महत्वपूर्ण है कि रणनीति पर्याप्त संख्या में अच्छे संकेत देती है। यदि बहुत अधिक नियमों या संकेतकों का उपयोग किया जाता है तो यह पता चल सकता है कि बनाई गई पद्धति 2 मिनट के चार्ट पर प्रति माह 5 सिग्नल उत्पन्न करती है। आप सहमत होंगे कि यह इष्टतम स्थिति नहीं है। ऐसे सिग्नल को मिस करना बहुत आसान होता है और साथ ही चार्ट देखते समय इसका इंतजार करना बहुत मुश्किल होता है।

पैराबोलिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति का व्यापार कैसे करें

ट्रेडिंग ट्रेंड रिवर्सल के दौरान संकेतकों का यह सेट सबसे अच्छा काम करता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप तब तक प्रतीक्षा करें जब तक आप स्पष्ट बाजार का निरीक्षण नहीं करते उतार-चढ़ाव. अच्छी बात यह है कि एक बार ट्रेंड रिवर्सल होने पर तीनों संकेतक इसका संकेत देंगे।

परवलयिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति की ताकत और प्रभावशीलता सिग्नल के उचित समय में निहित है, जो 3 लोकप्रिय तकनीकी विश्लेषण संकेतकों को जोड़ती है। बहुत बार एक संकेत प्रकट होने के बाद कीमत तुरंत वांछित दिशा में चलती है। हमेशा नहीं, बिल्कुल। याद रखें कि संकेतकों का कोई भी संयोजन आपको 100% प्रभावशीलता नहीं दे सकता है।

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MACD, EMA और Parabolic SAR . का उपयोग करके लंबे समय तक चलने वाली खरीदारी की स्थिति दर्ज करें

लंबे समय तक चलने वाली खरीदारी की स्थिति में कब प्रवेश करें

एमएसीडी हरी रेखा लाल रेखा से ऊपर होनी चाहिए। उसी समय, चार्ट ने एक बुलिश कैंडल (हरा) विकसित किया है। EMA10 से कटता है तेज मोमबत्ती और कीमतों के नीचे चलता है। अंततः Parabolic SAR कीमतों एमएसीडी रणनीति क्या है के ऊपर रुक जाता है, टूट जाता है और कीमतों के नीचे बढ़ना शुरू कर देता है।

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लंबे समय तक चलने वाली एमएसीडी रणनीति क्या है बिक्री की स्थिति में कब प्रवेश करें

यहाँ, हरा एमएसीडी लाइन लाल रेखा के नीचे से गुजरना होगा। चार्ट एक मंदी की मोमबत्ती विकसित करता है जिसे EMA10 काटता है और कीमतों से ऊपर बढ़ना शुरू करता है। अंत में, Parabolic SAR कीमतों के तहत रुकता है और टूटता है। इसके बाद यह कीमतों से ऊपर जाने लगता है।

परवलयिक एसएआर और एमएसीडी रणनीति यह पहचानने का एक अच्छा तरीका है कि प्रवृत्ति कब उलट रही है और लंबे समय तक चलने वाले ट्रेडों को जगह देती है। ध्यान दें कि यदि आप 5 मिनट की अंतराल मोमबत्तियों का उपयोग कर रहे हैं, तो आपके ट्रेडों को कम से कम 30 मिनट तक चलना चाहिए, यदि आप जीतने वाले ट्रेडों की संभावना बढ़ाना चाहते हैं।

अब जब आपने सीखा है कि संकेतक के इस सेट का उपयोग कैसे करें, उन्हें बाहर की कोशिश करो IQ Option अभ्यास खातेनीचे दिए गए टिप्पणी अनुभाग में अपने परिणाम साझा करें।

MCD Election 2022: BJP और AAP के बीच कड़ी टक्कर, क्या है पार्टियों की रणनीति?

mcd

दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) की तारीखों का ऐलान हो गया है. चार दिसंबर को मतदान होगा, वहीं सात दिसंबर को परिणाम आएंगे. मगर इसके पहले से ही सभी पार्टियों ने जोर आजमाइश शुरू कर दी है. सभी दल अपने दांव खेल रहे हैं. दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) इस चुनाव को जीतने के लिए पूरा जोर एमएसीडी रणनीति क्या है लगा रही है. उसका कहना है कि आठ सालों से दिल्ली में जब 'आप' की सरकार है तो एमसीडी (MCD) में भी उनकी पार्टी को मौका मिलना चाहिए. गौरतलब है कि बीते 15 सालों से एमसीडी में भाजपा (BJP) का राज कायम है. ​केजरीवाल सरकार एससीडी में भाजपा के कामकाज पर सवाल उठा रही है. उसका कहना है कि अगर आप को एमसीडी में जीत मिलती है तो दिल्ली के विकास कार्य को गति मिलेगी.

राजधानी के विकास कार्य को आप अपनी ताकत बता रही एमएसीडी रणनीति क्या है है. 'आप' का कहना है कि राजधानी में महिलाओं को अलग से महिला मोहल्ला क्लीनक की सौगात दी गई है. यहां पर पीड़िता को स्त्री रोग संबंधी सेवाएं मिलेंगी. मुफ्त में दवाइयां मिलेंगी. इसके साथ 12 साल से कम उम्र के बच्चों का इलाज किया जाएगा.

वहीं पीएम मोदी (PM Modi) ने एमसीडी चुनाव की कमान संभाली है. बीते दिनों एक सभा में पीएम ने दिल्ली के स्लम ऐरिया में रहने वाले 3024 लोगों को नए फ्लैट दिए. विशेषज्ञों का कहना एक तरफ भाजपा जहां ओबीसी और एससी मतदाताओं पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं केजरीवाल ने महिलाओं को लुभाने के लिए महिला मोहल्ला क्लीनिक का दांव खेला है. इसके साथ वह दिल्ली में साफ-सफाई को अहम मुद्दा बना रहे हैं.

इस बार 250 वार्ड पर मतदान होगा

दरअसल तीनों निगमों को एक करने के बाद हुए परिसीमन में वार्डों की संख्या 272 से घटकर 250 हो गई है. भाजपा चौथी बार सरकार बनाने के लिए मैदान में उतरेगी. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी 'आप' की कोशिश होगी चुनाव में जीतकर एमसीडी (MCD) में पहली बार अपनी सरकार बनाए. बीते 16 सालों से कांग्रेस एमसीडी में सत्ता पाने के लिए बेकरार है.

अब तक क्या-क्या हुआ

- नौ मार्च को एक विधेयक के कारण संभावित चुनाव को टाला गया. 30 मार्च को दिल्ली नगर निगम को एक करने वाला विधेयक लोकसभा से परित कर दिया गया. अप्रैल में संभावित चुनाव को टाल दिया गया.

- इस विधेयक को पांच अप्रैल तक राज्यसभा में भी पारित कर दिया था.

- संसद द्वारा पारित विधेयक को 18 अप्रैल को मंजूरी मिली.

- केंद्रीय गृहमंत्रालय ने आठ जुलाई को निगम के वार्डों के परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय समिति का ऐलान किया. अब रिपोर्ट गृहमंत्रालय देनी है.

- परिसीमन समिति को 9 नंवबर तक अपनी रिपोर्ट को सौंपना होगा.

2017 में हुए एमसीडी इलेक्शन के रिजल्ट

2017 में पूर्वी निगम की 64 सीटों में भाजपा को 47, आप को 11, कांग्रेस को तीन सीटें मिली थीं. वहीं दक्षि​णी दिल्ली नगर निगम में कुल सीट 104 थी. इसमें भाजपा को 70, आप को 16 और कांग्रेस को 12 सीटें मिलीं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 104 सीटों में भाजपा को 64, आप को 21 और कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं.

MCD Chunav 2022: क्या है बीजेपी-कांग्रेस की रणनीति? रमेश बिधूड़ी और हारून यूसुफ ने बताया

MCD Chunav 2022: क्या है बीजेपी-कांग्रेस की रणनीति? रमेश बिधूड़ी और हारून यूसुफ ने बताया

शुभांकर म‍िश्रा

शुभांकर म‍िश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 10:23 PM IST

दिल्ली एमसीडी चुनाव को लेकर राजधानी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. जीत के लिए सभी पार्टियां पूरे जोर-शोर से लगा रही हैं. इस बीच पंचायत आजतक के मंच पर सभी दलों के नेता शिरकत कर रहे हैं. बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हारून यूसुफ पहुंचे. दोनों ने कई मुद्दों पर एक-दूसरे एमएसीडी रणनीति क्या है पर जमकर निशाना साधा. देखें.

MCD Polls 2022: BJP MP Ramesh Bidhuri and senior Congress leader Haroon Yusuf participated in 'Panchayat Aaj Tak'. Both targeted each other fiercely on many issues. Watch.

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली एमसीडी का चुनाव परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी के लिए अहम है बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखता है। यह परिणाम आगे की राजनीति कि दशा और दिशा तय करने वाला है।

AAP के साथ भाजपा-कांग्रेस के लिए भी बेहद अहम MCD, परिणाम तय करेगा आगे की राजनीति

दिल्ली महानगर पालिका (MCD) का चुनाव इस बार आगे की राजनीति की दिशा और दशा तय करने वाला है। इस चुनाव के परिणाम ना केवल आम आदमी पार्टी बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी बहुत मायने रखते हैं। बुधवार को एमसीडी चुनाव के परिणामों का ऐलान होगा। बता दें कि पिछले 15 साल से दिल्ली की सिविक बॉडी पर भाजपा का ही राज है। चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और आम आदमी पार्टी में ही था।

यह चुनाव ज्यादा अहम इसलिए हो जाता है क्योंकि अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं और आम आदमी पार्टी विजयी होती है तो जाहिर सी बात है पूरे देश की राजनीति में आप का प्रभाव बढ़ेगा। 2024 के चुनाव के लिए भी आम आदमी पार्टी की अच्छी भूमिका बन जाएगी। वहीं भाजपा और कांग्रेस के लिए भी यह चुनाव मायने रखता है ताकि देश की राजधानी में उनका अस्तित्व प्रासंगिक रहे।

बात करें कांग्रेस की तो दित्ली विधानसभा में 2013 से ही कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई नहीं है। दिल्ली में कांग्रेस का एक भी संसद नहीं है। एमसीडी में आम आदमी पार्टी 2017 में ही कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन चुकी है। अब कांग्रेस के अस्तित्व को दिल्ली में खतरा ही नजर आ रहा है।

क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल की बात करें तो ज्यादातर सर्वे आम आदमी पार्टी के ही पक्ष में हैं। एमसीडी दिल्ली शहर के 95 फीसदी एमएसीडी रणनीति क्या है सिविक सेवाओं के लिए जिम्मेदार है। इंडिया टुडे ऐक्सिस माइ इंडिया के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी को 149 से 171 कैे बीच सीटें दीगई हैं। वहीं पिछली बार 181 सीट जीतने वाली भाजपा को 69 से 91 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा कांग्रेस के लिए अनुमान है कि पार्टी सिंगल डिजिट में ही रह जाएग। न्यूज-एक्स जन की बात एग्जिट पोल की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 150 से 175 के बीच सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं भाजपा 72 से 92 के बीच सीटें जीत सकती है।

इस साल एमसीडी में यूनिफिकेशन किया गया एमएसीडी रणनीति क्या है था जिसके बाद सीटें 272 से घटकर 250 हो गई थीं। इस चुनाव में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ था। यह पिछली बार के चुनाव से लगभग चार फीसदी कम था। कई पॉश इलाकों में केवलल 40 फीसदी ही वोटिंग हुई, जबकि ग्रामीण और दंगा प्रभावित हुई नॉर्थईस्ट दिल्ली में वोटिंग पर्सेंटेज 60 फीसदी के करीब रहा। दक्षिण दिल्ली के एंड्रयूज गंज में सबसे कम वोटिंग हुई

राजनीतिक दलों का क्या है दांव पर?
2017 के एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार किस्मत आजमा रही थी। उसके बाद से लगातार पार्टी भाजपा के खिलाफ एमसीडी में भूमिका बना रही है। उसने भाजपा पर वित्तीय प्रबंधन को लेकर और सफाई को लेकर लगातार निशाना साधा। एग्जिट पोल में यही बताया जा रहा है कि अब एमसीडी पर पूरी तरह से आम आदमी पार्टी का नियंत्रण होगा। आम आदमी पार्टी को अस्तित्व में आए एक दशक पूरा हो चुका है। एमसीडी चुनाव में सफलता मिला उसके लिए बड़ी बात होगी क्योंकि उसकी गिनती भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वियों में होने लगेगी। अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो एक साल के अंदर यह आम आदमी पार्टी की दूसरी बड़ी जीत होगी। इससे पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी चुनाव में बड़ी ज जीत दर्ज कर चुकी है।

2017 के चुनाव में क्या हुआ था
2017 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने सफलता हासिल की थी। उसने 48 सीटें जीतकर कांग्रेस से विपक्ष का भी दर्जा छीन लिया था। अगर भाजपा को इस बार जीत नहीं मिलती है तो दिल्ली की राजनीति में उसके अस्तित्व पर संकट आ जाएगा। 1998 के बाद से भाजपा को दिल्ली की सत्ता नहीं मिली है। वर्तमान में दिल्ली विधानसभा में भाजपा के केवल आठ विधायक हैं। हालांकि सांसदों की बात करें तो दिल्ली में सारे सांसद भाजपा के ही हैं।

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