दोस्तों की कहानी फिल्म 'ऊंचाई' (फाइल फोटो)

उत्तराखंडियों का असली रहनुमा कौन? MCD चुनाव में टिकट पर उत्तराखंड में सियासत

देहरादून. चुनाव भले ही दिल्ली में हो, लेकिन सियासी सरगर्मियां उत्तराखंड में एमएसीडी की मूल कहानी भी हैं. इसका कारण है दिल्ली में उत्तराखंडी वोटर्स की अच्छी खासी तादाद. दिल्ली में एक करोड़ 47 लाख वोटर्स में से 12 से 14 लाख वोटर्स उत्तराखंड के हैं जो दिल्ली MCD में दूसरी बड़ी कम्युनिटी हैं. यह भी एक बड़ा कारण है कि MCD चुनाव में बीजेपी ने उत्तराखंड मूल के 10 कैंडीडेट को टिकट दिया है. उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेश भट्ट ने बताया कि पार्टी ने अपने 48 नेताओं को दिल्ली चुनाव प्रचार में भेजा है.

उत्तराखंड में एमएसीडी की मूल कहानी अपनी पैठ बनाने की जुगत में लगी आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड मूल के मात्र दो कैंडीडेट को MCD चुनाव में टिकट दिया है; तो कांग्रेस यहां भी फिसड्डी साबित हुई.. कांग्रेस ने एमएसीडी की मूल कहानी उत्तराखंड मूल के मात्र एक कैंडिडेट को चुनाव में उतारा है. उत्तराखंड से जुड़े कांग्रेस के कुछ नेता इस बात से दुःखी हैं.

कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप कहते हैं कि उनकी राय है कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उतनी उसकी भागीदारी होनी चाहिए. लेकिन, उसके अनुरूप न बीजेपी, न कांग्रेस और न आप ने उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व दिया है.

बता दें कि दिल्ली MCD चुनाव के लिए चार दिसंबर को मतदान होना है. उससे पहले बीजेपी, कांग्रेस, आप नेताओं की एक बड़ी खेप उत्तराखंड से दिल्ली पहुंची हुई है. सीएम धामी दो बार प्रचार में हिस्सा ले चुके हैं, तो बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी दूसरी बार गुरुवार को दिल्ली जा रहे हैं.

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

बापू अपने समय से आगे चलने वाले चिंतक ही नहीं, ठोस काम करने वाले कर्मयोगी और आजादी की लड़ाई के कुशल रणनीतिकार भी थे। युवा लेखिका जान्हवी प्रसाद ने बापू की आत्मकथा ‘माय एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ’ पढ़ी तो उसे एक चित्रात्मक पुस्तक के रूप में पेश करने की ठानी।

फोटोः सोशल मीडिया

नवजीवन डेस्क

गांधी जी पर बड़ों के लिए तो अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं, लेकिन बच्चों के लिए बच्चा बनकर एक सहज और सरल चित्र कथा का विचार अनछुआ ही रहा। युवा लेखिका जान्हवी प्रसाद ने जब 1920 के आसपास लिखी गई और नवजीवन में धारावाहिक रूप से प्रकाशित बापू की आत्मकथा ‘माय एक्सपेरिमेंट्स विद ट्रुथ’ (सत्य के साथ मेरे प्रयोग) पढ़ी तो उन्होंने इस विषय पर कुछ अलग तरह से काम करने और उसे एक चित्रात्मक पुस्तक के रूप में बच्चों को बापू की जीवनकथा सुनाने की ठानी। बापू अपने समय से कहीं आगे चलने वाले चिंतक ही नहीं, ठोस काम करने वाले कर्मयोगी और आजादी की लड़ाई के कुशल रणनीतिकार भी थे। इन सबको पुस्तक में समेटने के लिए जान्हवी ने अगले 8 सालों तक बापू की जन्मस्थली पोरबंदर से शुरू कर परदेस में उनकी कर्मभूमि- द.अफ्रीका, लंदन की यात्राएं कीं। इस कथा को साकार करने में सहायक बने कलाकार उत्तम सिन्हा और मानसी शर्मा। पुस्तक खुद लेखिका के बचपन से शुरू होकर उनकी बापू की खोज तक बड़ी सहजता से चलती जाती है।

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

पुण्यतिथि विशेषः कर्मयोगी गांधी की कहानी चित्रों की ज़ुबानी

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Delhi: एमसीडी कर रही है कूड़े के पहाड़ को कम, नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट हुआ शुरू, जानिए क्या है एमसीडी की योजना?

साउथ ईस्ट दिल्ली के तहखंड में कचरे से एमसीडी द्वारा निर्मित बिजली बनाने (वेस्ट टू एनर्जी) के प्लांट का शुरू हो गया है। अब दिल्ली में हर रोज लगभग 7 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण होगा और 2 हजार मीट्रिक टन कूड़े को दोबारा उपयोग में लाया जाएगा। ये प्लांट हर रोज 25 मेगावाट बिजली का निर्माण करेगा।

Delhi: एमसीडी कर रही है कूड़े के पहाड़ को कम, नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट हुआ शुरू, जानिए क्या है एमसीडी की योजना?

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने साउथ ईस्ट दिल्ली के तहखंड में 15 एकड़ की जमीन में 475 करोड़ रुपये की लागत से एक कंपनी के साथ मिलकर स्थापित किया नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट।

दिल्ली नगर निगम (MCD) द्वारा जेआईटीएफ अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मिलकर साउथ ईस्ट दिल्ली के तहखंड में नया वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को स्थापित किया है। इसमें प्लांट व मशीनरी को कंपनी ने लगाया है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 475 करोड़ रुपए का खर्च आया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस वेस्ट टू एनर्जी का उद्घाटन किया है। इस अवसर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता, दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार, एमसीडी के स्पेशल ऑफिसर अश्विनी कुमार, कमिश्नर ज्ञानेश भारती और दिल्ली विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम 20 अक्टूबर यानी गुरुवार को आयोजित किया गया।

Uncchai Movie Review: इमोशन से भरपूर है दोस्तों की ये कहानी, अमिताभ बच्चन बने फिल्म की जान

फिल्म में सारे दोस्त मिलकर अपने एक दोस्त की आखिरी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए एवरेस्ट पर जाने का फैसला लेते हैं।

Uncchai Movie Review: इमोशन से भरपूर है दोस्तों की ये कहानी, अमिताभ बच्चन बने फिल्म की जान

दोस्तों की कहानी फिल्म 'ऊंचाई' (फाइल फोटो)

राजश्री प्रोडक्शन हमेशा से परिवार केंद्रित फिल्में बनाने के लिए मशहूर रहा है। फिल्म ‘ऊंचाई’ में भी परिवार को ही केंद्र बनाया गया है। बस एक पेंच है, इस बार परिवार कुछ अलग तरह का है। ये दोस्तों का परिवार है। यानी फिल्म का मूल संदेश ये है कि असल के दोस्त भी परिवार की तरह होते हैं।

जिन दोस्तों की कहानी फिल्म में दिखाई गई है वो हैं अमित (अमिताभ बच्चन), जावेद (बोमन ईरानी), ओम (अनुपम खेर ) और भूपेन (डैनी डेंग्जोप्पा)। सभी बुजुर्ग हैं। यानी सीनियर सिटीजन। और होता ये है कि इनमें एक भूपेन जो नेपाली मूल के हैं, उनका निधन हो जाता है और उनकी इच्छा ये थी की वो पर्वतारोहण करते हुए माउंट एवरेस्ट पर पहुंचे।

अब जब वो नहीं रहा तो उसके दोस्तों में ये राय बनती है कि अपने इस दोस्त की इच्छा पूरी की जाय और एवरेस्ट तक पहुंचा जाए। तीनों ट्रैकिंग पर निकल पड़ते हैं। पर ये इतना आसान थोड़े है। आखिर सभी बचे दोस्त उम्रदराज हड्डियाँ कमजोर हो चुकी हैं। हिमालय पर चढ़ना इतना मुश्किल है कि जवानों का दम फुल जाए। लेकिन वो कहावत है ना-हिम्मते मर्दा मददे खुदा। तो ये मर्द निकल पड़ते हैं। साथ में एक औरत माला (सारिका) भी।

KRITI SANON IN FRONT CUT DRESS

URFI JAVED IN WHITE BODYCON DRESS

ASHUTOSH RANA FIGHT WITH MAHESH BHATT

Monalisa stuns

एक और महिला है जो ट्रेनर या इंस्ट्रॅक्टर (परिणीति चोपड़ा) भी है। उसे पहाड़ से प्रेम है इसलिए अपने घर वालों की मर्जी के खिलाफ इस एडवेंचर में एमएसीडी की मूल कहानी शामिल होती है। क्या इन दोस्तों की कोशिश सफल होगी? क्या ये पहाड़ पर चढ़ पाएंगे? यहां ये बताना भी जरूरी है कि ये यात्रा या ये अभियान हंसी और मजाक से भरपुर है और मजेदार संवादों से लबालब है।

कहानी कुछ इधर-उधर भी मुड़ती है और किरदारों के कुछ निजी किस्से भी हैं। जो फिल्म को गहराई भी देतें हैं। लेकिन कुल मिलाकर ये फिल्म जज्बाती मिजाज की है और कई जगहों पर रुला भी देती है। कई फिल्मों की तरह अमिताभ बच्चन इस पूरी फिल्म के केंद्र में हैं। आज भी उनकी डांसिंग का जवाब नहीं है। लेकिन अनुपम खेर और बोमन ईरानी के किरदार भी काफी दिलचस्प है।

परिणीति भी दमदार हैं। ‘ऊंचाई ‘ की सिनेमेटोग्राफी भी बहुत अच्छी है और प्रकृति या पहाड़ के कई रूप यहां मौजूद हैं। फिल्म में एमएसीडी की मूल कहानी एक और संदेश है और वो ये कि चाहे आपकी उम्र कितनी भी क्यों न हो आपको कुछ नया और साहसिक करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।

जानिए ब्रिटेन के दूसरे सबसे अमीर शख्स बनने वाले भारतीय मूल के हिंदुजा बंधुओं की पूरी कहानी

भारत में जन्मे हिंदुजा बंधु ब्रिटेन के अमीरों की सालाना सूची में दूसरे स्थान पर आ गए हैं। 1000 लोगों की इस सूची में भारत के 47 लोग शामिल है जिसमें श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा पहले स्थान पर हैं।

जानिए ब्रिटेन के दूसरे सबसे अमीर शख्स बनने वाले भारतीय मूल के हिंदुजा बंधुओं की पूरी कहानी

संडे टाइम्स की अमीरों की सूची के अनुसार लंदन स्थित श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा 20.64 अरब पाउंड की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है।

भारत में जन्मे हिंदुजा बंधु ब्रिटेन के अमीरों की सालाना सूची में दूसरे स्थान पर आ गए हैं। 1000 लोगों की इस सूची में भारत के 47 लोग शामिल है जिसमें श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा पहले स्थान पर हैं। दोनों ने ब्रिटेन का दूसरे सबसे अमीर शख्स बनकर रसायन क्षेत्र के उद्यमी जिम रैटक्लिफ ने उन्हें दूसरे स्थान पर पछाड़ दिया है। संडे टाइम्स की अमीरों की सूची के अनुसार लंदन स्थित श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा 20.64 अरब पाउंड की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है। 21.05 अरब पाउंड के साथ रैटक्लिफ पहले स्थान पर हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं हिंदुजा बंधुओं की पूरी कहानी।

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हिंदुजा ग्रुप का काम चार भाई श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक मिलकर सांभालते हैं, पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने व्यापार की शुरुआत की

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परमानंद दीपचंद हिदुंजा शुरुआत में सिंध प्रांत में सामान बेचा और करते थे।

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1919 में परमानंद हिंदुजा व्यापार को बढाने के लिए ईरान जा बसे, 1971 में उनका निधन हो गया।

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पिता की मृत्यु के बाद चारों भाइयों ने 1971 में अपना बेस संदन में बनाया

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लंदन शिफ्ट होने के बाद हिंदुजा बंधुओ ने 1984 में गल्फ ऑइल को खरीदकर अपनी सबसे बड़ी डील की।

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गल्फ ऑयल की आज कीमत 870 मिलियन पाइंड हो चुकी है।

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1987 में हिंदुजा भाइयों ने वाहन निर्माता कंपनी अशओक लेलैंड को खरीदा, आज अशोक एमएसीडी की मूल कहानी लेलैंड भारती की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है।

3)

हिंदुजा ग्रुप का व्यापार आज 37 देशों में फैला हुआ और आईटी, मीडिया, वाहन, पैट्रोलियम में मुख्यत: फैला हुआ है।

2)

हाल ही में ब्रिटेल के दूसरे सबसे बड़े अमीर शख्स श्रीचंद और गोपीचंद हिंदुजा को लंदन स्थित वॉर ऑफिस के नवीनीकरण का 350 मिलियन पाउंड कॉन्ट्रैक्ट मिला है।

1)

हिंदुजा बंधु इस कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक इस ऐतिहासिक बिल्डिंग को एक पांच सितारा होटल में बदलेंगे। इस होटल में एक बॉल रूम, 82 स्विमिंग पूल, एक रूफचॉप बार और 5 बेडरूम वाले 88 अपार्टमेंट होंगे ।

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