भारत ने 2017 में इंग्लैंड में पिछले विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था. उस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम फाइनल में मेजबान इंग्लैंड से हार गई थी. भारत की महिला वर्ल्ड कप में रिकॉर्ड की बात करें तो रिकॉर्ड बहुत शानदार नहीं है. भारत नें अब तक अपने 40 में से 19 मैच जीते हैं और 21 में हार मिली है.

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स्वोट विश्लेषण की सुरुवात

This is the ‘vision’ for Sunderkera Gram Panchayat articulated by the community. They also want to develop their gram panchayat as a ‘tirth sthan’. Regular religious events are held in the panchayat which is well attended by people from outside the panchayat. Why can’t they make Sunderkera a pilgrimage site?

Nearly half the population of the panchayat is between 20 and 45 years of age. This youthful population is an asset. They are energetic, with fresh ideas and, capacitated by PRIA, are slowly coming together with their panchayat elected representatives, navratnas, (nominated स्वोट विश्लेषण की सुरुवात by the gram panchayat under Swachch Bharat Mission), teachers, mitanins, anganwadi workers and even tax inspectors to materialise the community’s vision.

Poor management of cattle is one of the reasons for waste and dirt in the common areas and lanes. There are issues related to availability of water, construction of a drainage system, and ensuring sustainability. But the gram panchayat has five big ponds which can support sanitation related activities. These are now known to the community, because of the SWOT analysis they conducted of the villages. They have also prepared a sanitation plan.

वाटर पोर्टल / वर्षाजल संचयन / कजियादो, केन्या - 3आर और एमयूएस

केन्या के कजियादो कस्बे में सासोल फाउंडेशन, आईसीआरएएफ और मसाई तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र (एमटीटीआई) एक परियोजना का क्रियान्वयन करेंगे ताकि खाद्य सुरक्षा में वर्षा जल संरक्षण की भूमिका का प्रदर्शन और इस पर शोध किया जा सके. इस काम में मोटे तौर पर 3आर तकनीक (रिचार्ज, रिटेंशन और रियूज यानी रिचार्ज, पानी का बचाव और दोबारा इस्तेमाल) का प्रयोग किया जाएगा.

यह परियोजना प्रशिक्षण संस्थान के परिसर के निकट एक खास स्थान पर स्थित है जहां आमतौर पर पथरीली मिट्टी और बालू है. परियोजना में खाद्य सुरक्षा के लिए वर्षा जल संरक्षण की संभावनाओं पर गौर किया जाएगा. इस सिलसिले में कई चकबांध बनाए जाएंगे ताकि चारागाहों और पशुओं की जरूरत के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके. मसाई तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान के छात्रों को इस बात का प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वे स्वोट विश्लेषण की सुरुवात बहने वाला पानी एकत्रित करने के लिए साधारण ढांचे बनाएं. एक सामान्य तकनीक से कुएं का पानी पशुओंं तथा मनुष्यों दोनों को उपलब्ध कराया जा सकता है. सैटेलाइट इमेजरी तकनीक की मदद से संभावित पौधरोपण सुधार का दस्तावेजीकरण किया जाना है. इस परियोजना का लक्ष्य है शोध और परिणाम के जरिए लोागों के अहम समूह को 3आर प्रारूप से जोडऩा.

Contents

परियोजना अवधि: अप्रैल 2013 से जुलाई 2015

वर्तमान परिस्थिति

यह प्रयोग इस क्षेत्र की सबसे अहम समस्या को संबोधित करता है. वह स्वोट विश्लेषण की सुरुवात यह कि कैसे पशुओं के लिए पानी की उपलब्धता को स्थाायित्व प्रदान किया जाए और चारागाहों की स्थिति में सुधार किया जाए. जब बारिश होती है तो पशुओं और चारागाहों के लिए पानी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है. लेकिन जब सूखे का मौसम आता है तो मसाइयों के लिए दिक्कतों की शुरुआत होती है. ऐसे में हम उन ऊंचे पहाड़ी इलाकों में सामान्य कम ऊंची दीवारें बनाने की कोशिश करते हैं. ताकि भूजल तक पहुंच को स्थायित्व प्रदान किया जा सके और चारागाह वाले इलाकों को दोबारा हराभरा बनाया जा सके.

सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिस्थितियां

कजियादो सेंट्रल कृषि और चारागाह का उभरता हुआ क्षेत्रीय केंद्र है. इस क्षेत्र में प्रमुख तौर पर मसाई समुदाय के लोग रहते हैं. यह समुदाय सांस्कृतिक तौर पर अपने पालतु पशुओं के लिए बहुत उच्च भावना रखता है. बहरहाल, बड़े निकायों द्वारा भूजल का दोहन कर लिए जाने के कारण घरेलू जलापूर्ति के लिए पानी कम बचता है खासतौर पर मसाई बहुल इलाके में.

स्थान और साझेदार

  • स्थान: कजियादो सेंट्रल, कजियादो कस्बा
  • प्रमुख साझेदार: सासोल, मसाई तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान (आईसीआरएएफ)
  • प्रमुख साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्व: सासोल एमटीआईआई के साथ मिलकर इस प्रायोगिक परियोजना का आयोजन करेगी. वे आपस में संदर्भ शर्तों पर चर्चा करके विनिर्माण आरंभ करेंगे. एमटीआईआई इस स्थान का उपयोग प्रदर्शन के लिए करेगा. वह इसका रखरखाव भी करेगा.
  • अन्य साझेदार: आईसीआरएएफ, एमटीटीआई
  • अन्य साझेदारों की भूमिका और उत्तरदायित्त्व: आईसीआरएफ मौजूदा परिस्थितियों, वहां आने वाले बदलावों और लोगों के प्रशिक्षण का दस्तावेजीकरण करेगा.

ब्योरा-विवरण

लक्ष्य

  1. कजियादो में वर्षा जल संरक्षण के लिए निम्र तकनीकी हस्तक्षेप का प्रदर्शन
  2. एमटीआईआई के छात्रों को 3आर के विचार के अनुकूल बनाना और उनको बांध निर्माण के लिए प्रशिक्षित करना।
  3. इसमें रुचि रखने वाले संस्थानों को वहां की यात्रा के लिए समुचित संदर्भ मुहैया कराना.
  4. जमीनी स्तर पर आए बदलावों का विस्तृत प्रमाण जिसे इस हस्तक्षेप के जरिए महसूस किया जा सके.

गतिविधियां

  1. आरएआईएन ने सासोल से संपर्क किया ताकि गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा सके और उनको स्थानीय स्तर पर सुसंगत बनाया जा सके. (अप्रैल 2013).
  2. सासोल को एक विस्तृत विनिर्माण योजना तैयार करनी है और एमटीटीआई के साथ शर्त और बातचीत तय करनी है. उसके बाद वे आगे की प्रक्रिया पर एमटीटीआई के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर स्वोट विश्लेषण की सुरुवात करेंगे. (मई 2013)
  3. आईसीआरएएफ परियोजना स्थल के परिदृश्य को लेकर आधार तय करेगा और ऐसी परिस्थितियों का दस्तावेजीकरण करेगा जो हस्तक्षेप करने के काबिल न हों. वे एक शुष्क सत्र में ऐसा करेंगे और दूसरी बार ठंड और बारिश के मौसम में (मई 2013 और अक्टूबर 2013) इस काम को अक्टूबर 2014 और मई 2015 में दोहराया जाएगा. उसके बाद निष्कर्षों को प्रकाशित किया जाएगा.
  4. सासोल स्थान चयन के साथ समन्वय करेगा निर्माण कार्य जून 2013 में निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा.
  5. एमटीटीआई भवन सुविधा के अलावा इस काम को अपने पाठ्यक्रम में स्थान देगा (सितंबर, अक्टूबर और नवंबर 2013).
  6. एमटीटीआई पहुंच वाले प्लॉट के मालिक के साथ-साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा. (अप्रैल-मई 2013)

T20 World Cup 2022: पाक की ताकत और कमजोरियों का पोस्टमार्टम, देखें कितना है पड़ोसियों में दम

T20 World Cup 2022

T20 World Cup 2022: बाबर आज़म (Babar Azam) इस स्वोट विश्लेषण की सुरुवात सप्ताह के अंत में ऑस्ट्रेलिया में शुरू होने वाले T20 वर्ल्ड कप 2022 में पाकिस्तान का नेतृत्व करेंगे. पिछले साल दुबई में 2021 टी 20 विश्व कप सेमीफाइनल में निराशाजनक रूप से हारने के बाद पाकिस्तान की नजर ट्रॉफी पर होगी. पाक 23 अक्टूबर को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में होने वाले आगामी टी 20 विश्व कप में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत स्वोट विश्लेषण की सुरुवात करेगा. टूर्नामेंट के आगाज से पहले फैंस के मन में एक बड़ा सवाल है कि आखिर T20 वर्ल्ड कप 2022 का खिताब जीतने वाली टीम कौन सी होगी ? वैसे तो खिताब के दावेदार कई टीमें हैं. और, उन्हीं में से एक है- पाकिस्तान. तो चलिए देखें कितना दम है हमारे पड़ोसियों में.

वर्ल्ड स्वोट विश्लेषण की सुरुवात कप 2018: इंग्लैंड स्क्वॉड SWOT एनालिसिस

वर्ल्ड कप 2018 अब दस्तक दे रहा है और सभी 32 टीमें रूस में होने वाले महाकुंभ की शुरुआत के पहले अपनी फर्स्ट-टीम को आकार देने में जुटी हैं। इस सीरीज में हम नज़र डालेंगे वर्ल्ड कप के टॉप कंटेंडर्स पर और करेंगे उनके स्क्वॉड्स का विश्लेषण.

मैनेजर: गारेथ साउथगेट

क्वॉलिफिकेशन

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यहां सुधार की जरूरत

फिनिशरों की कमी

भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप में सॉलिड फिनिशरों की कमी है, जिसकी वजह से उन्हें एकदिवसीय मैचों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इसी कारण 260-270 के स्कोर को 300 में बदलने में नाकाम रहते हैं. हरमनप्रीत कौर एक क्लासिक फिनिशर हैं जिन्होंने अंडरपरफॉर्म किया है. दीप्ति शर्मा आक्रामकता के साथ कंसिस्टेंट नहीं है.

गेंदबाजी आक्रमण में पैठ की कमी

भारतीय टीम के साथ एक और समस्या गेंदबाजी इकाई में पैठ की कमी है. ऑस्ट्रेलिया में हुए वर्ल्ड टी20 में शिखा पांडे बेहद खतरनाक थीं लेकिन उन्हें वर्ल्ड कप के लिए नहीं चुना गया है. झूलन गोस्वामी के मेघना सिंह के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करने की संभावना है और पूजा वस्त्राकर रेणुका सिंह के साथ बॉलिंग कर सकती हैं.

राजेश्वरी गायकवाड़ और स्नेह राणा ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा के साथ स्पिनर के रूप में काम करेंगी. डेथ ओवरों में गुणवत्ता वाले गेंदबाजों की कमी है जो इस विश्व कप में भुगतना पड़ सकता है.

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