लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार

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एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग - Enterprise Resource Planning (ERP) का क्या अर्थ है?

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विक्रेता जोखिम प्रबंधन - Vendor Risk Management (VRM) का क्या अर्थ है?

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इंटरनेट एक्सचेंज लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार प्वाइंट - Internet Exchange Point (IXP) का क्या अर्थ है?

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नेटवर्क एक्सेस प्वाइंट - Network Access Point (NAP) का क्या मतलब है?

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डिमांड डिपॉजिट क्या है?

डिमांड डिपॉज़िट का तात्पर्य उस पैसे से है जो a . में जमा किया गया हैबैंक खाता जिसे बिना किसी अग्रिम सूचना के मांग पर निकाला जा सकता है। एक जमाकर्ता के रूप में, आप अपने दैनिक खर्चों के लिए मांग जमा राशि का उपयोग कर सकते हैं। कभी-कभी, बैंक के आधार पर खाते से निकासी की एक निश्चित सीमा होती है।

Demand Deposit

चेकिंग और बचत खाते मांग जमा के सामान्य उदाहरण हैं। ये सावधि जमा से अलग हैं जिसमें आपको राशि निकालने से पहले एक निश्चित अवधि तक इंतजार करना पड़ता है।

मांग जमा की विशेषताएं

मांग जमा की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • जब भी आवश्यकता हो आपको पैसे निकालने की सुविधा मिलती है।
  • जब यह एक प्रकार का होता है तो बैंक थोड़ा सा ब्याज देता हैबचत खाता जमा करें और वर्तमान नहीं।
  • मांग जमा खाते के मालिक होने के नाते, आपको आवश्यकता पड़ने पर चेक लिखने का अधिकार है।
  • आपके पास एक संयुक्त खाता भी हो सकता है जहां मालिक लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार में से कोई भी जमा और निकासी कर सकता है।
  • कुछ वित्तीय संस्थान मांग जमा खातों के लिए न्यूनतम शेष राशि की सीमा निर्धारित करते हैं।

मांग जमा के प्रकार

यह मांग जमा का सबसे सामान्य रूप है, जो महत्वपूर्ण पेशकश करता हैलिक्विडिटी और किसी भी समय नकद निकालने की अनुमति देता है। चेकिंग खाता न्यूनतम ब्याज अर्जित कर सकता है क्योंकि मांग जमा खातों में कम जोखिम होता है। हालांकि, वित्तीय प्रदाता या बैंक के आधार पर भुगतान किए गए ब्याज में अंतर हो सकता है।

यह खाता शॉर्ट-टर्म चेकिंग खातों की तुलना में थोड़ी देर के लिए जमा की गई जमा राशि लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार के लिए है। इस खाते में निधियों की तरलता कम है, लेकिन अतिरिक्त शुल्क के लिए धन को चेकिंग खाते में स्थानांतरित किया जा सकता है। इन खातों में अधिकतर न्यूनतम शेष राशि को बनाए रखने की सीमा होती है, क्योंकि बड़ी राशि लंबी अवधि के लिए रखी जाती है। इस प्रकार यह चेकिंग खातों की तुलना में अधिक ब्याज दर का भुगतान करता है।

यह खाता निम्नलिखित मांग जमाराशियों के लिए हैमंडी ब्याज दर। एक आर्थिक गतिविधि पर केंद्रीय बैंक की प्रतिक्रियाएं बाजार की ब्याज दरों को प्रभावित करती हैं। इसलिए, मुद्रा बाजार खाता ब्याज दर में उतार-चढ़ाव के आधार पर बचत खाते की तुलना में अधिक या कम ब्याज देता है। कुल मिलाकर, इस प्रकार के खाते की ब्याज दरें बचत खातों के लिए प्रतिस्पर्धी हैं।

निष्कर्ष

बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान मांग पर तत्काल धन की निकासी की अनुमति देने के लिए डिमांड डिपॉजिट की पेशकश करते हैं। वित्तीय संस्थान मांग जमा खातों से मांग पर निकासी के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकता है। हालांकि, इन खातों का एक महत्वपूर्ण दोष यह है कि वे आसानी से उपलब्ध धन के लिए कम ब्याज दर की लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार पेशकश करते हैं।

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आर्थिक सुरक्षा के लिए निवेश के प्रति जागरूकता होनी चाहिए

रानी दुर्गावती स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंडला में एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया के तत्वाधान एवं महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता के संयुक्त तत्वाधान में फाइनेंसियल एम्पावर्मेंट ऑफ फाइनेंसियल अवेरनेस विषय पर एक नेशनल वेबिनार का आयोजन किया गया। भारत में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया वित्तीय क्षेत्र क

आर्थिक सुरक्षा के लिए निवेश के प्रति जागरूकता होनी चाहिए

मंडला (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रानी दुर्गावती स्नातकोत्तर महाविद्यालय मंडला में एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया के तत्वाधान एवं महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता के संयुक्त तत्वाधान में फाइनेंसियल एम्पावर्मेंट ऑफ फाइनेंसियल अवेरनेस विषय पर एक नेशनल वेबिनार का आयोजन किया गया। भारत में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया

वित्तीय क्षेत्र का सर्वोच्च नियंत्रक हैं। इस के तत्वाधान में समस्त वित्तीय सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर निवेशकों को उनके सुरक्षित निवेश के साथ साथ आर्थिक सुरक्षा प्राप्ति के साधन भी बताए जा रहे हैं। वेबीनार का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ एडी एन बाजपेयी कुलपति अटल बिहारी बाजपेयी यूनिवर्सिटी बिलासपुर एवं विशिष्ट अतिथि डॉ सुनील पाहवा प्राचार्य जी एस कॉलेज जबलपुर द्वारा किया गया ।अपने सार गर्भित उदबोधन में डॉ बाजपेयी ने कहा कि वित्तीय साक्षरता आज के समय में एक समीचीन विषय है। वर्तमान समय हमारे सामने कैरोना कई प्रश्न लेकर आया है ।इस काल मे अपने अस्तित्व को बचाने के साथ साथ वित्तीय सशक्तिकरण भी एक महत्वपूर्ण प्रश्न है । आपने निवेश के सुरक्षित एवम स्थाई रिटंर्स की योजनाओं को म्यूच्यूअल फंड में बल देने की बात भी रखी। डॉ पाहवा ने बैंको द्वारा बैंक के ही कार्य किये जाने तथा मिस सैलिंग पर अंकुश लगाए जाने की पहल की। एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया साधुवाद के पात्र हैं जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों के तहत इस विषय पर वेबिनार का आयोजन किया है लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार । वेबीनार के मुख्य वक्ता सूर्यकांत शर्मा मुख्य सलाहकार एसोसिएशन ऑफ म्यूच्यूअल फंड इन इंडिया उत्तरी क्षेत्र तथा पूर्व डीजीएम सेबी द्वारा अपने वक्तव्य के वर्तमान समय में निवेश के परिदृश्य को प्रस्तुत किया गया। शर्मा ने सर्वप्रथम आगाह किया कि आने वाला कम से कम 1 वर्ष हम सब के लिए आर्थिक रूप से कठिन होने वाला है। इसीलिए सबसे पहले अगले 1 वर्ष के लिए लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार अपने मासिक खर्चों के बराबर का पैसा बिल्कुल अलग कर लें तथा साथ ही साथ अगले 1 वर्ष में जो भी आपके सामाजिक एवं पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी करनी है उसके लिए भी पर्याप्त राशि रख लें। इस राशि को आप अपने बचत खाते फिक्स डिपाजिट, लिक्विड फंड शॉर्ट टर्म फंड, अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद अगर आपके पास जो भी शेष राशि रहती है और अगले 3 वर्ष तक इसकी आवश्यकता नहीं है तो इसको आप अच्छे डेट फंड में निवेश कर सकते हैं यदि अगले 5 वर्ष तक आपको इस राशि की आवश्यकता नहीं है तो आप इसे अच्छे लार्ज कैंप फंड अथवा बैलेंस फंड में निवेश कर सकते हैं। श्री शर्मा ने म्यूचुअल फंड के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि साधारण निवेशको की लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार हर जरूरत के लिए म्यूच्यूअल उपलब्ध है । उन्होंने ने आगाह किया कि आने वाले समय में ऐसी संभावना है कि अनेकों लोग कम समय में ज्यादा फायदा देने वाली स्कीम लेकर निवेशकों को लुभाने का पूरा प्रयास करेंगे आपको ऐसी स्कीम में कभी भी लालच में आकर अपना पैसा निवेश नहीं करना चाहिए ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश चौरसिया तथा संचालन अंकित बिसेन द्वारा किया गया।कार्यक्रम के अंत मे इस आयोजन के संयोजक डॉ अनिल गुप्ता ने सभी अतिथियों एवम प्रतिभागियों के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए वर्तमान में म्युचल फंड के विभिन निवेश विकल्पों में से अनुशाषित निवेश द्वारा अपने वैल्थ निर्माण की दिशा में प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता शर्मा ने प्रश्नोत्तर काल लिक्विडिटी प्रदाताओं के प्रकार में सभी प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। प्रश्नोत्तर काल का संचालन डॉ संजय कुमार अग्रवाल द्वारा किया गया।

Mandla News : फिर मंडला तक पहुंच गए छत्तीसगढ़ के जंगली हाथी

प्रतिभागियों द्वारा अपने फीडबैक में इस प्रकार के विषय को उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के समसामयिक विषयों पर वेबीनार आयोजित करने की आवश्यकता बताई । कार्यक्रम की सफलता में डॉ व्हीके चौरसिया,डॉ अर्जुन बघेल,डॉ पुरुषोत्तम भवरे एवं समस्त महाविद्यालय स्टाफ का सहयोग सराहनीय रहा।

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