SWING TRADING के लिए जब कोई स्टॉक में हम पैसा लगाए और कुछ घंटो या कुछ दिनों के लिए छोड़ दे। उस STOCK से जब मेरा प्रॉफिट 3 से 5 परसेंट तक कौन सा ब्रोकर चुनना है? कौन सा ब्रोकर चुनना है? आ जाये तो उस स्टॉक को बेचकर हुए मुनाफे को ही SWING TRADING कहा जाता है।
Multibagger Stock Tips: ये दो स्टॉक दे सकते हैं 40% तक मुनाफा, मोतीलाल ओसवाल ने दी है इन्हें खरीदने की सलाह
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Aug 2021 06:34 PM (IST)
Multibagger Stock Tips: शेयर बाजार में सही शेयर चुनना एक बड़ी चुनौती है. कौन सा स्टॉक चुनें कौन सा ब्रोकर चुनना है? जो अधिक से अधिक लाभ पहुंचाए, यह सवाल खासकर खुदरा निवेशकों को परेशान करता है. ब्रोकिंग फर्म, मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने निवेशकों को खरीदने के लिए रेप्को होम फाइनेंस और कावेरी सीड्स के शेयरों की सिफारिश की है. मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि ये दोनों शेयर निकट भविष्य में अच्छा खासा मुनाफा दे सकते हैं.
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- मोतीलाल ओसवाल ने रेपो होम फाइनेंस के शेयर के टारगेट प्राइस 440 रुपये रखा है.
- पो होम फाइनेंस के शेयर का मौजूदा भाव 314 रुपये है.
- मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक रेपो होम फाइनेंस के शेयर 40 फीसदी तक मुनाफा दे सकते हैं.
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भारत में केवल चार INR based currency pairs उपलब्ध हैं – USD/INR, EUR/IND, GBP/INR और JPY/INR। आप EUR-USD, GBP-USD और USD-JPY पर cross currency F&O contracts का भी trading कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि cross currencies में संबंधित INR pair होते हैं।
लेकिन, यदि आप AUD (ऑस्ट्रेलियाई डॉलर), CHF (स्विस फ़्रैंक), कैनेडियन डॉलर (CAD), या अन्य currency pairs जैसे अन्य FX में trading करना चाहते हैं, तो आपको एक international forex broker के साथ एक forex account खोलने की आवश्यकता है।
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट कौन सा ब्रोकर चुनना है? खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी कौन सा ब्रोकर चुनना है? है.
angel broking trade kaise kare hindi-एंजेल ब्रोकिंग इन हिंदी
दूसरे ब्रोकर कंपनी जैसे ज़ेरोढा , 5 पैसा , आदि की तरह ही angel broking भी एक तरह से किसी भी कमपनी का शेयर खरीदने का बिच का जरिया प्रदान करता हैं जिसके आप और हम जैसे कोई भी ट्रेडर आसानी से किसी शेयर का विश्लेषण कर इसके माध्यम से शेयर खरीद एवं बेच सकते हैं जिसमे एंजेल कुछ चार्ज भी लेता है जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे ।
लेकिन सवाल अब यह है की ब्रोकिंग हम अपना खाता कैसे खुलवाए और इसमें कौन से टूल दिए जाते हैं जिसके मदद कौन सा ब्रोकर चुनना है? से हम किसी शेयर का technical analysis कर उस शेयर को खरीद सके । इन सभी के बारे में मैं आपको बताऊंगा जो आपकी ट्रेड लेने में काफी मदद कर सकता हैं ।
एक जानकारी आपको और बता दू की यह मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों में ही किसी शेयर को खरीदने का या फिर बेचने का मौका प्रदान करता हैं जो एक रह से बहुत अच्छी सुविधा है जिसके मदद से आप शेयर मार्किट के ट्रेडिंग के समय कहीं भी कोई ट्रेड buy और sell कर सकते हैं ।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करे- (angel broking trade kaise kare hindi-एंजेल ब्रोकिंग इन हिंदी)
सबसे पहले आपको angel broking में लॉगिन होना पड़ेगा चाहे उसके लिए आप किसी laptop का इस्तेमाल कर रहें है या फिर mobile का दोनों में ही लॉगिन होने के लिए एक ही user id और password की जरुरत पड़ती हैं ।
mobile में login होने के लिए आपको google playstore से angel broking का app इनस्टॉल करना होता है नहीं तो यदि आप laptop का इस्तेमाल कर रहे है तो सीधे इसके website में जाकर लॉगिन कर सकते हैं ।
आजकल लॉगिन से जुड़े बहुत साड़ी समस्या आ रही हैं इसलिए हो सकता है लॉगिन में कुछ बदलाव देखने को मिले लेकिन वे सभी बदलाव आपके यूजर id एवं password डालने का बाद आ सकते हैं जिसे 2FA पासवर्ड के नाम से जानते हैं उसका प्रोसेस भी बेहद आसान हैं ।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे इन हिंदी – (angel broking trade kaise kare hindi-एंजेल ब्रोकिंग इन हिंदी)
ऊपर आपको सारे दिशा निर्देश बताये गए है जिससे आप angel broking में कोई शेयर को खरीद सकते है लेकिन आपको सबसे ज्यादा परेशानी तब आएगी जब कोई शेयर को चुनना और यह निर्णय लेना की मेरे द्वारा चुना गया स्टॉक सही है या गलत इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल हैं और नए इन्वेस्टर यहीं पर आकर फंस जाते हैं ।
लेकिन घबराये नहीं मैं आपको दो ऐसे टिप को बताऊंगा जिससे आप इंट्राडे के लिए भी शेयर चुन सकेंगे एवं डे ट्रेडिंग जैसे स्विंग ट्रेडिंग या शार्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए कोई शेयर का चुनाव बढ़िया तरिके से करके मुनाफा अर्जित कर सके ।
सबसे पहले गूगल में निफ़्टी – 50 टाइप करके सर्च करे फिर इसके वेबसाइट में विजिट करे और वहां से निफ़्टी – 50 के सभी शेयर को अपने angel broking लिस्ट में डाल दे ।
बुद्धिमानी से ब्रोकरेज फर्म चुनें
आपको कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे कोई खरीदने को राजी न हो। इस वजह से ब्रोकरेज फर्मों के बारे में गहन रिसर्च करें। निवेशक किसे पसंद कर रहे हैं, जानने की कोशिश करें। आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। नए ग्राहक हासिल करने में मददगार होगा। आम तौर पर, ग्राहक उन फर्मों को प्राथमिकता देते हैं जिनके पास फ्लैट फी स्ट्रक्चर, वैल्यू-एडेड सर्विसेस होती हैं, और स्पॉट-ऑन सिफारिशों भी देती हैं।
आवश्यकताओं को जांच लें
सब-ब्रोकर बनने की कुछ शर्तें होती हैं जिन्हें आपको पूरा करना होगा। एक सब-ब्रोकर या मास्टर फ्रैंचाइज़ी मालिक के रूप में आपको लगभग 200 वर्ग फुट के ऑफिस स्पेस की आवश्यकता होगी। यह स्पेस आमतौर पर ब्रोकरेज फर्म पर निर्भर करता है, जिसके साथ आप जा रहे हैं। आपको लगभग एक से दो लाख या उससे अधिक रुपए का रिफंडेबल शुल्क भी जमा करना होगा। अंत में अपने ब्रोकर की कमीशन स्ट्रक्चर जांच लें। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों के साथ और वर्क-फ्रॉम-होम विकल्प के साथ, व्यावसायिक स्पेस की आवश्यकता वैकल्पिक हो सकती है
बुनियादी जानकारी दें
शुरुआत में चुने गए ब्रोकिंग फर्म से कॉलबैक (Call back) का अनुरोध करें। फोन पर ही आपके बारे में, पढ़ाई-लिखाई (Education) के बारे में तथा पहले के कामकाज (Job or Profession) के बारे में जानकारी ली जाएगी। इसके साथ ही कुछ बुनियदी सवाल (Basic Questions) भी पूछे जाएंगे। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आप और आपका ब्रोकर (Broker) दोनों एक-सा सोच रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन फी और अकाउंट एक्टिवेशन
अंत में, आपको रजिस्ट्रेशन फी जमा करनी होगी। भुगतान करने के बाद आपको अपने खाते का बिजनेस टैग प्राप्त होगा। आपके ब्रोकर के आधार पर, आप और आपके कर्मचारी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कस्टमर सपोर्ट और मार्केटिंग मैकेनिज्म पर ट्रेनिंग और जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके बाद आप अपना काम शुरू कर सकते हैं। जब काम शुरू हो जाएगा तो जाहिर है कि भी कमाई भी शुरू हो जाएगी।
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