Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी

अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?

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क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।

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इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन

दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।

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वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है

कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।

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इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी

अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।

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वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध

कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।

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क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?

आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।

क्रिप्‍टोकरेंसी पर भारत में कानून नहीं, फिर भी लोग जमकर निवेश कर रहे, अगर बैन हो गया तो…?

Cryptocurrency investment in India: एक अनुमान के मुताबिक, भारत में फिलहाल डेढ़ करोड़ लोगों ने क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश किया है. लेकिन आरबीआई और केंद्र सरकार की ओर से न तो कोई कानूनी प्रावधान है और न ही इसे लेकर उनका पक्ष स्‍पष्‍ट है. ऐसे में अगर भविष्‍य में क्रिप्‍टोकरेंसी को बैन कर दिया जाता है तो क्‍या होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी पर भारत में कानून नहीं, फिर भी लोग जमकर निवेश कर रहे, अगर बैन हो गया तो.

भारत में जो लोग क्रिप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश कर रहे हैं, वे अपने लिए बहुत बड़ा जोख़िम उठा रहे हैं. उन्‍हें इस बात का बिल्‍कुल भी अंदाजा नहीं है कि इसे लेकर कब और कैसे कानून बनने वाले हैं. हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार – दोनों ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर वित्‍तीय स्थिरता समेत कई तरह की चिंताओं को दूर किए बिना इसे कानूनी वैधता (Legal validity of cryptocurrency) नहीं दी जा सकती है. इस मामले से जुड़े जानकारों का भी कहना है कि क्रिप्‍टाकरेंसी में निवेश को लेकर भारतीय निवेशकों पर दोहरा जोख़‍िम है.

उनका कहना है कि जब तक भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर नियामकीय रास्‍ता साफ़ नहीं हो जाता, तब तक यह एक तरह का जुआ ही है. एक्‍सपर्ट्स की यह राय निवेशकों के लिए इसलिए भी महत्‍वपूर्ण हो जाती है क्‍योंकि पहले की तुलना में अब भारतीयों का रुझान क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश को लेकर लगातार बढ़ने लगा है.

भारत में फिलहाल कितना बड़ा है किप्‍टो मार्केट?

क्रिप्‍टो एक्‍सचेंजों (Crypto Exchange) के एक अनुमान के मुताबिक, भारत में तकरीबन 1.5 करोड़ लोगों ने क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश किया है. वर्तमान में भारतीय लोगों के पास करीब 15,000 करोड़ रुपये की होल्डिंग है. 350 ऐसे स्‍टार्टअप्‍स हैं, जो ब्‍लॉकचेन (Blockchain) और क्रिप्‍टो मार्केट (Crypto Market in India) से जुड़े हैं. WazirX और कॉइनस्विच कुबेर समेत कई एक्‍सचेंजों पर यूजर्स की मांग लगातार बढ़ रही है. खुद क्रिप्टो एक्‍सचेंज अपने विज्ञापनों के लिए जमकर पैसा बहा रहे हैं.

दूसरी ओर आरबीआई ने किप्‍टोकरेंसी को लेकर चिंता ज़ाहीर कर दी है. इसी साल मार्च महीने में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने एक इवेंट के दौरान कहा कि केंद्रीय बैंक को क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कई तरह की चिंता है. दास ने कहा, ‘आरबीआई और सरकार, दोनों वित्‍तीय स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने सरकार को क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ बड़ी चिंताओं के बारे में बताया है. सरकार इसपर जल्‍द ही कोई फैसला करेगी.’

RBI ने अब तक क्‍या किया है?

आरबीआई ने 2018 में सभी बैंकों पर क्रिप्‍टोकरेंसी से जुड़े कारोबार में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) द्वारा दायर की गई याचिका की सुनवाई के दौरान इसे पलट दिया. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि जब इसे लेकर कोई नियमन तैयार नहीं होता है, तब तक आरबीआई वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट कर सकता है लेकिन इस तरह की करेंसी में कारोबार करना किसी भी पेशे में काम करने के मूल अधिकार के दायरे में आता है. कोर्ट का यह फैसला संविधान के आर्टिकल 19 (1)(g) के तहत लिया था, जोकि ट्रेड या बिज़नेस से संबंधित है.

सरकार क्‍या कर रही है?

आरबीआई तो स्‍पष्‍ट रूप से क्रिप्‍टोकरेंसी को लेनदेन के माध्‍यम के तौर पर वैधता देने के पक्ष में नहीं है. सरकार ने अभी तक अपना पक्ष साफ नहीं किया है. क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए सरकार ने ‘क्रिप्‍टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ के नाम से एक बिल पेश करने का प्रस्‍ताव दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के माने तो इस बिल में क्रिप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency Bill) से जुड़े किसी भी काम को गैर-कानूनी बनाने का प्रावधान है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि आखिर कब तक इसे संसद में पेश किया जाएगा.

क्रिप्‍टोकरेंसी क्‍यों खरीद रहे लोग?

अर्थव्‍यवस्‍था के मौजूदा माहौल को देखें तो लोगों के पास क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश को लेकर कोई आकर्षक निवेश विकल्‍प नहीं दिखाई दे रहे हैं. ब्‍याज दरों में लगातार कटौती होने से बैंक डिपॉजिट (Bank deposits) में कोई रुचि नहीं दिखा रही. इसी प्रकार अर्थव्‍यवस्‍था में अन‍िश्चितता और उठापटक की वजह से रियल एस्‍टेट, इक्विटी म्‍यूचुअल फंड में कुछ खास रुचि नहीं देखने को मिल रही है.

कोविड-19 संकट, बैंकिंग निवेश में खराब रिटर्न के बीच क्रिप्‍टोकरेंसी तेजी से पॉपुलर हो रहा है. साथ ही हाल के दिनों में क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट से आ रही खबरों ने भी निवेशकों के सेंटीमेंट को बहुत हद तक प्रभावित किया है.

क्रिप्‍टोकरेंसी को क्‍यों अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग सिस्‍टम के लिए जोख़‍िम माना जाता है?

दरअसल, केंद्रीय बैंक का मानना है कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग सिस्‍टम का केंद्रीकरण ही सबसे बेहतर तरीका होता है यानी सरकार के पास ही अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग सिस्‍टम की बागडोर होनी चाहिए. लेकिन बिटकॉइन (Bitcoin) समेत दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी इसके ठीक उलट तरीके से काम करती हैं. उन्‍हें न तो किसी देश का रेगुलेटर और न ही कोई सरकार कंट्रोल करती है. यही कारण है कि केंद्रीय बैंक क्रिप्‍टोरेंसी को संदेह की नज़र से देखते हैं और इसकी ट्रेडिंग पर बैन या कड़े नियमन की वकालत करते हैं. अब कॉमर्शियल बैंक भी क्रिप्‍टोकरेंसी से दूरी बना रहे हैं.

अगर भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी बैन हुआ तो क्‍या होगा?

क्रिप्‍टोकरेंसी पर कानूनी प्रावधान नहीं होने का मतलब है कि अगर भविष्‍य में सरकार इस पर बैन लगाने का फैसला करती है तो मौजूदा निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है. यही कारण है कि भारत में क्रिप्‍टोकरेंसी में निवेश को लेकर बड़ा जोख़‍िम है. हाल के दिनों में क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में उठापटक के बाद अधिकतर लोगों का मानना है कि केवल फायदे की उम्‍मीद में ही इसमें निवेश किया जा रहा है.

साथ ही क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर इस संभावना को भी खारिज नहीं किया जा सकता कि गैर-कानूनी कामों और मनी-लॉन्ड्रिंग के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जा सकता है. जब तक आरबीआई की ओर से स्थिति बहुत साफ नहीं हो जाती, बैंक भी इसे लेकर चिंतित रहेंगे.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा

मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। सरकार इस संबंध में विचार कर रही है।

Indian government planning for law to regulate cryptocurrencies in upcoming budget | भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! कानून के दायरे में लाने की तैयारी, अगले बजट में हो सकती है बड़ी घोषणा

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा बैन! (फाइल फोटो)

Highlights भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की बजाय इसके बाजार को कानूनी दायरे में लाने के बारे में विचार कर रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगले साल बजट में इस संबंध में अहम घोषणा की जा सकती है। हाल के महीनों में भारत में क्रिप्टोकरेंसी का बाजार तेजी से बढ़ा है।

नई दिल्ली: भारत सरकार अगले साल फरवरी में आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने संबंधी बड़ी घोषणाएं कर सकती है। भारत में हाल के वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी में निवश का बाजार बढ़ा है और ऐसे में इसके लिए कानूनी ढांचा ला सकती है।

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार सरकार के पहले के क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के दृष्टिकोण से दूर जाने की अब संभावना है। प्रतिबंध की बजाय सरकार इसे विनियमित करने का विकल्प चुन सकती है।

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारी इस संबंध में काननी ढांचे और आवश्यक नियमों को ठीक करने के लिए लगातार बात कर रहे हैं।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि विनियमन की ओर सोच है। अधिकारी ने कहा, 'कल ये नहीं होना चाहिए कि अगर मैं एक अपनी डिजिटल करेंसी शुरू करता हूं और अच्छी मार्केटिंग के बाद कोई लोग इसे खरीदतें हैं और फिर मैं भाग जाता हूं, क्योंकि मैं एक प्राइवेट प्लेयर हूं! लोगों ने अपने अन्य संपत्तियों का उपयोग करके उस करेंसी को खरीदा होगा। ऐसी स्थिति से बचने के लिए सरकार को विनियमन की ओर देखने की जरूरत है।'

भारत में बढ़ा है क्रिप्टो करेंसी का बाजार

मौजूदा समय में भारत में क्रिप्टोकरेंसी जारी करने, उपयोग करने और व्यापार को नियंत्रित करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। जबकि भारत को विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में गिना जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार हाल-फिलहाल में 15 लाख भारतीयों ने निजी क्रिप्टोकरेंसियों में निवेश किया है। इस क्षेत्र में काम कर रहे दर्जनों स्टार्ट-अप सहित निवेश के जोखिम के बावजूद लोगों का रुझान इस ओर बढ़ रहा है।

भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग में इस साल मई के बाद से तेज वृद्धि देखी गई है। ये उछाल खासकर भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है आरबीआई के उस स्पष्टीकरण के बाद आया जिसमें बैंकों को क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ ग्राहकों को चेतावनी नहीं देने के लिए कहा गया था।

वहीं, साल 2019 में एक वित्त मंत्रालय की समिति ने एक विधेयक का प्रस्ताव दिया था। इसमें क्रिप्टोक्यूरेंसी पर प्रतिबंध की बात कही गई थी हालांकि इसे अब ठंडे बस्ते में डालते हुए समाप्त कर दिया गया है।

Cryptocurrency पर खुशखबरी, राहत दे सकती है सरकार

आज हम बात करने वाले हैं दो- तीन दिनों से भारतभर में तहलका मचाने वाली Cryptocurrency के बारे में …Cryptocurrency पर भारत में बैन लगाने की बात हो रही है और इसका मार्केट तेजी से नीचे आ गया है…इसी बीच चर्चा गरम है कि क्या सचमुच इस मार्केट पर रोक लगेगी या फिर सरकार इसे कानूनी रूप से रेगुलेट करेगी….

कल तक सरकार के कानूनी कदम उठाने की जानकारी मिलने से इंवेस्टर्स की सांसें अटकी हुई थी पर अब जो जानकारियां मिल रही हैं उससे लगता है कि भारतीय इंवेस्टर्स को कुछ राहत मिल सकती है… कम से कम उनकी इंवेस्टमेंट को बड़ा खतरा फिलहाल नहीं दिख रहा है….हां सरकार की पूरी जानकारी के साथ यह कारोबार हो सकेगा…तो कम से कम इंवेस्टर्स को अपनी अटकी हुई सांस अभी लेना चाहिए….

आप जानते हैं कि Cryptocurrency पिछले करीब 15 सालों में निवेश के लिए एक और जरिया के रूप में सामने आई है…यह डिजीटल करेंसी है… इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2018 में इस पर बैन लगाया था लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी से ट्रेड को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट के आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी या Cryptocurrency में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है। इस समय दुनियांभर में कई तरह की वर्चुअल करेंसी चल रही हैं और उनमें सबसे पापुलर नाम बिटक्वाइन का है… एक बिटक्वाइन की कीमत अब लाखों में पहुंच चुकी है…कहते हैं कि इसका मार्केट कैप 161 अरब डॉलर है। जबकि यह लांच हुआ था तो महज कुछ ही रूपयों में मिल रहा था…खैर अब दुनियांभर में दर्जनों Cryptocurrency चल रही हैं और इस कारोबार के लिए कई एक्सचेंज भी खुल चुके हैं…आपके बैंक से पैसे लेकर आपकी इस Crypto या वर्चुअल currency को खरीदने और उसे संभालकर आपके वॉलेट में रखने का काम ऐसे एक्सचेंज कर रहे हैं….

2019 में सरकार एक कानून का प्रस्ताव लेकर आई भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है थी जिसमें Cryptocurrency से लेनदेन करने पर 10 साल की सजा का प्रावधान करने की सिफारिश थी…हालांकि सुप्रीम कोर्ट से प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद यह कानून नहीं बन पाया है…इसके बाद से कई सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स cryptocurrency का प्रचार प्रसार करते नजर आते हैं …कई एक्सचेंज इसके विज्ञापन करते हैं।

खैर भारत में cryptocurrency की बैन की खबर से इस मार्केट में भूचाल आ गया है। क्या अब भारत में cryptocurrency पर पूरी तरह से पाबंदी लग जाएगी? और अगर ऐसा होता है तो मौजूदा currency होल्डर्स का क्या होगा? इसको लेकर लोग सवाल पूछ रहे हैं…अभी तक जो खबरें आई हैं उनके मुताबिक भारत सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021…लेकर आ रही है… यह इस कारोबार को नियंत्रित करने के लिए लाया जा रहा है…. अभी सरकार के पास इसको नियंत्रित रखने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है….बताया गया है कि इस नए प्रस्तावित बिल में ऑफिशियल डिजिटल करेंसी का प्रावधान होगा, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया इसको जारी करेगा. इस बिल के अनुसार भारत में कुछ करेंसी को छोड़कर सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगा दी जाएगी….

” कहा गया है कि यह बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने का प्रयास करेगा, हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ये बिल कुछ एक्सेप्शन्स यानी अपवाद को अनुमति भी देगा। भारत में cryptocurrency के मार्केट ने पिछले साल उस वक्त काफी ऊंची छलांग लगाई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने crypto पर बैन के निर्णय को पलट दिया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ इस फैसले के बाद से भारतीय crypto बाजार में करीब 600% का उछाल देखने को मिला था। Blockchain and Crypto Assets Council यानी BACC की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आज भारत में करीब 1.5 से 2 करोड़ लोगों के पास crypto currency है। बताया जाता है कि देश में करीब 40 हजार करोड़ का कारोबार cryptocurrency के जरिए हो रहा है….यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये कह चुके हैं कि cryptocurrencies युवाओं को बिगाड़ सकती हैं। RBI ने भी कई बार चेतावनी दी है कि इससे “व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता पर गंभीर चिंताएं” पैदा हो सकती हैं।

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या सरकार cryptocurrency पर कितना और किस तरह का बैन लगाएगी और क्या इंवेस्टर्स को नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाएगा…? तो इसका जवाब है कि हां ….सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि इंवेस्टर्स को किसी तरह का नुकसान न हो…कहा जा रहा है कि इसका रास्ता निकालने के लिए सरकार क्रिप्टो को करेंसी ना मानकर इसे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह एसेट मान सकती है…..अगर सरकार क्रिप्टोकरेंसी को बैन करती है तो इनवेस्टर्स को अपने एसेट्स बेचने के लिए कुछ समय भी दिया जा सकता है.
बता दें कि बिटकॉइन और एथेरियम जैसे जाने-माने क्रिप्टो टोकन ब्लॉकचैन नेटवर्क पर आधारित हैं जो public हैं private नहीं … जिससे इन्हें ट्रेस करना आसान है। मगर कुछ cryptocurrency ऐसी भी हैं जिनके जारीकर्ता transaction डिटेल्स को प्राइवेट रखते हैं …ऐसे में सरकार इन पर बैन लगा सकती है। ज़्यादातर निवेशक cryptocurrency को खरीदने और बेचने के लिए जिन क्रिप्टो एक्सचेंजों का इस्तेमाल करते हैं, सरकार उनको जांच के दायरे में ला सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है कानूनी करंसी के रूप में उनके उपयोग पर पाबंदी लगाते हुए डिजिटल करंसी में निवेश के लिए न्यूनतम राशि भी निर्धारित कर सकती है।
आपको बता दें कि अभी दुनियां में मात्र दो देश ऐसे हैं जो इन cryptocurrency में लेनेदेने को मान्यता देते हैं इनमें अल साल्वाडोर और क्यूबा शामिल हैं और इन देशों पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं….. बाकी देशों में सीधे cryptocurrency से आप कुछ खरीद नहीं सकते…इधर कई क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने निवेशकों से आग्रह किया है कि वो घबराहट में आकर अपनी क्रिप्टोकरेंसी को आननफानन में ना बेचें।
जानकार कह रहे हैं कि भारत में cryptocurrency का बाजार काफी बड़ा हो चुका है और अब इस पर पूरी तरह बैन लगाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा। यहां करीब 20 cryptocurrency एक्सचेंज काम कर रहे हैं….जानकार कह रहे हैं कि सरकार ऐसा कुछ करेगी जिससे मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गलत क्षेत्र में इसका उपयोग नहीं हो….बस इसका ध्यान रखने के बाद इंवेस्टर्स को राहत दे दी जाएगी…यानी मार्केट के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि अगर आप cryptocurrency के इंवेस्टर हैं तो फिलहाल आपको बहुत ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए….

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