Mutual Funds: म्यूचुअल फंड क्या हैं, कैसे काम करते हैं? जानिए Moneyfront के फाउंडर मोहित गंग के साथ फायदे की बात!

Mutual Funds: मनी मैटर्स वीडियो सीरीज में इस बार, मोहित गैंग से जानिए म्यूचुअल फंड क्या हैं?, म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?, अर्थ और लाभ.

Updated: July 30, 2021 10:22 PM IST


म्यूचुअल फंड क्या हैं?, म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?, जानिए अर्थ और लाभ: (What are mutual funds?) म्यूचुअल फंड इन दिनों सबसे लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट ऑप्शन में से एक है. म्‍युचुअल फंड (Mutual Fund) में आपके पैसे को अलग-अलग कंपनि‍यों में लगाया जाता है. इसमें आपका पैसा अलग-अलग शेयर और बांड में भी इन्‍वेस्‍ट कि‍या जाता है. फायदे की बात, वीडियो सीरीज में इस बार, मोहित गैंग से जानिए म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट क्यों करें?, म्यूचुअल फंड क्या हैं?, म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं?, क्या म्यूचुअल फंड में रिस्क हैं ?, म्यूचुअल फंड के लाभ (Benefits of mutual funds) और बहुत कुछ. जानने के लिए वीडियो देखें.

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जानिए क्यों है म्यूचुअल फंड्स आपके लिए फायदे का मौका, कैसे और कब लगाएं पैसा, पढ़ें सभी सवालों के जवाब

आप Mutual Fund ब्रोकर या फिर डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस पहुंच कर ऑफ लाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसमें भी आपको फार्म भर कर केवाईसी की शर्तों को पूरा करना होगा। आप म्यूचुअल फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर घर बैठे स्कीम में निवेश कर सकते हैं.

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। निवेश एक ऐसी प्रकिया है जिसकी योजना तो सभी बनाते हैं लेकिन इस पर समय से म्यूच्यूअल फंड क्या है फैसला बेहद कम ही लोग ले पाते हैं. दरअसल निवेश को लेकर लोगों के मन में इतने सवाल होते हैं कि इनका जवाब तलाशते तलाशते वक्त हाथ से निकल जाता है. अगर आप भी Mutual Fund में निवेश करने की योजना बना रहे हैं लेकिन अपने ही सवालों से परेशान हैं तो आज हम आपके सामने ऐसे 4 सबसे ज्यादा उठने वाले सवालों के जवाब लेकर आएं हैं. इन्हें पढ़ें और इससे पहले कि निवेश का सही वक्त निकल जाए आप फैसला लें और अपनी मेहनत की कमाई से अपना भविष्य बना लें.

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क्यों करें म्यूचुअल फंड में निवेश?

ये सवाल सभी लोगों के दिमाग में सबसे पहले आता है। आप जानते ही हैं कि हर तरह के निवेश में कम या ज्यादा जोखिम रहता ही है, और निवेश पर रिटर्न इस बात पर निर्भर करती है कि आप कितना जोखिम उठा रहे हैं. अक्सर ऊंचे रिटर्न के लालच में आम लोग अपनी बड़ी रकम गंवा देते हैं वहीं कुछ लोग रकम गंवाने के डर से बेहतर निवेश पाने की कोशिश ही नहीं करते और पारंपरिक निवेश विकल्पों में पैसा लगा देते हैं जो अक्सर बढ़ती महंगाई में नुकसान का सौदा बन जाते हैं। Mutual Fund आम निवेशकों के जोखिम को कम करता है और बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करता है। म्यूचुअल फंड में आम लोग छोटी छोटी रकम से कम जोखिम के साथ निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और आपके इस छोटे निवेश पर भी बाजार के एक एक्सपर्ट की लगातार नजर रहती है, जो पूरी कोशिश करता है कि आपका रिटर्न बाकी लोगों से ऊंचा रहे। वहीं निवेश क्यों करें, इस सवाल का जवाब पाने के लिए आप 5Paisa की भी मदद ले सकते हैं. 5paisa के एप या वेबसाइट पर जाकर आप म्यूचुअल फंड्स के प्रदर्शन पर नजर डाल सकते हैं वहीं इन स्कीम के फायदों की भी जानकारी ले सकते हैं. जिससे आपको ये समझने में काफी आसानी होगी कि एमएफ में क्यों निवेश किया जाना चाहिए .

किस म्यूचुअल फंड स्कीम में करें निवेश?

इस सवाल का जवाब पाने के लिए पहले आपको ये तय करना होगा कि आप आने वाले समय में इस रकम से क्या करना चाहते हैं. दरअसल MF scheme कई तरह की होती हैं और वे अलग अलग रिटर्न के आधार पर प्लान की जाती. यानि आपको सुरक्षित लेकिन एफडी से बेहतर रिटर्न चाहिए तो डेट फंड आपके लिए हैं. वहीं आप कम समय में तेज कमाई करना चाहते हैं लेकिन मार्केट में उतरने से डरते हैं तो आपके लिए इक्विटी आधारित कई स्कीम मौजूद है। बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी यहां तक कि कुछ सालों बाद फॉरेन ट्रिप के लिए भी Mutual Fund की मदद ले सकते हैं। आपको करना ये है कि पहले अपना जोखिम लेने का स्तर चुने और फिर अपनी जरूरत का कैलकुलेशन करें और फिर बाजार में रिसर्च करें.या फिर आप बाजार के किसी काबिल जानकार की भी मदद ले सकते हैं जो आपको आपका लक्ष्य हासिल करने के लिए सबसे अच्छे विकल्प बताएगा। 5Paisa भी आपको आपकी जरूरतों और जोखिम के स्तरों के आधार पर एमएफ स्कीम चुनने में मदद करता है. जिससे आप अपना रिटर्न बढ़ा सकते हैं। ये एक डीआईवाई प्लेटफार्म है यानि यहां आप सिर्फ निवेश ही नहीं करते बल्कि निवेश, रणनीतियों और बाजार को समझते और सीखते भी हैं जिसकी वजह से आप अपनी पूरी संतुष्टि के साथ फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हो जाते हैं।

कब करें म्युचुअल फंड में निवेश?

MF scheme के रिटर्न पर नजर डालें तो निवेशकों को इसका असली फायदा लंबी अवधि में दिखता है.वहीं लंबी अवधि का नजरिया लेकर चलने पर आप बेहद छोटी रकम को बढ़ता हुआ भी देखते हैं. अगर आप 5 Paisa के म्यूचुअल फंड कैलकुलेटर की मदद लेंगे तो आपको पता चलेगा म्यूच्यूअल फंड क्या है कि कैसे लंबी अवधि में छोटी रकम बड़ी संपत्ति में बदल जाती है. और इससे आपको बाजार में समय पर निवेश के फायदे साफ दिखते हैं। बाजार के सभी जानकार मानते हैं कि म्यूचुअल फंड्स में इंश्योरेंस की तरह ही जितनी जल्दी हो निवेश की शुरुआत कर देनी चाहिए. दरअसल युवावस्था में खर्च सीमित किए जा सकते हैं. हालांकि जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ये संभव नहीं होता। ऐसे में अगर आपकी नई जॉब लगी हो तो बेहतर है पहली सैलरी से मिठाई खरीदने के साथ एक mutual fund scheme में पैसा लगाना आपके लिए काफी फायदे का सौदा होगा। हालांकि आपने समय बीतने के साथ भी निवेश नहीं किया है तो भी जितनी जल्दी शुरुआत करने का फायदा उतना ज्यादा होगा।

कैसे करें म्युचुअल फंड में निवेश?

Mutual Fund में निवेश आप कई तरीकों से कर सकते हैं। आप जिस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं उस स्कीम से जुड़े फंड हाउस में जाकर ऑफलाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको पहले अपनी और स्कीम की पूरी जानकारियों के म्यूच्यूअल फंड क्या है साथ फॉर्म भरना होगा और केवाईसी की शर्तें पूरी करनी होगी साथ ही चेक या डीडी के जरिए भुगतान करना होगा, अगर आप एसआईपी ले रहें हैं तो आपको कैंसिल चेक देने होंगे।

आप Mutual Fund ब्रोकर या फिर डिस्ट्रीब्यूटर के ऑफिस पहुंच कर ऑफ लाइन तरीके से निवेश कर सकते हैं। इसमें भी आपको फार्म भर कर केवाईसी की शर्तों को पूरा करना होगा। आप म्यूचुअल फंड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर घर बैठे स्कीम में निवेश कर सकते हैं. यहां आपको ई-केवाईसी के लिए डाक्यूमेंटस अपलोड करने होंगे. पैसों का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है। आप इसी तरह ब्रोकर की वेबसाइट पर भी जाकर निवेश कर सकते हैं।

कई fund house और broker app निवेश की सुविधा भी देती हैं. इसमें आपको एप डाउनलोड कर eKYC की शर्तों को पूरा करना होगा। 5paisa भी एक ऐसा ही ऐप है। जिसके जरिए शेयर बाजार और Mutual Fund में पैसा लगाने और निकलाने की सुविधा मिलती है. 5paisa देश का सबसे तेजी से बढ़ने वाला डिस्काउंट ब्रोकर ऐप है. एक करोड़ से ज्यादा लोग इस ऐप के साथ जुड़ चुके हैं. इसकी एक और खासियत है. यहां म्यूचुअल फंड में निवेश पर कोई कमीशन नहीं देना होता है। तो अब म्यूच्यूअल फंड क्या है ज्यादा का सोचना फोन उठाएं और जुड़ जाएं।

म्यूचुअल फंड्स क्या हैं? – Mutual Funds kya hain?

म्यूचुअल फंड एक एैसा फंड है जो एैसेट मैनेजमेंट कंपनीस / कंपनीज (एएमसी) द्वारा मैनेज किया जाता है जिसमे ये कंपनीस कई इन्वेस्टर्स से पैसा जमा करती है और स्टॉक, बॉन्ड और शार्ट-टर्म डेट जैसी सिक्युरिटीज में पैसा इन्वेस्ट करती है।

म्यूचुअल फंड की कंबाइंड होल्डिंग्स को पोर्टफोलियो के रूप में जाना जाता है। इन्वेस्टर्स म्यूचुअल फंड के यूनिट्स खरीदते हैं। प्रत्येक यूनिट फंड में इन्वेस्टर के हिस्से के ओनरशिप और इससे होने वाली इनकम का रिप्रजेंटेशन करता है।

म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के बीच एक लोकप्रिय विकल्प (पॉपुलर ऑप्शन) हैं क्योंकि वे आम तौर पर निचे दिये गये विशेषताएं प्रदान करते हैं:

फंड प्रोफेशनल तरीके से मैनेज करते हैं:

फंड मैनेजर इन्वेस्टर्स के लिए रिसर्च करते हैं। वे सिक्युरिटीज का सिलेक्शन करते हैं और उनके परफॉरमेंस को मॉनिटर करते म्यूच्यूअल फंड क्या है हैं।

फंड् diversification:

म्यूचुअल फंड आमतौर पर कई कंपनियों और इंडस्ट्रीज में इन्वेस्ट करते हैं। यह एक कंपनी के फ़ैल होने पर इन्वेस्टर्स के रिस्क को कम करने में मदद करता है।

लिक्विडिटी (Liquidity)

इन्वेस्टर्स आसान तरीके से अपने यूनिट्स को किसी भी समय रिडीम कर सकतें हैं।

इन्वेस्टर्स के पास म्यूचुअल फंड में अपना पैसा लगाने और अपनी संपत्ति बढ़ाने के कई विकल्प हैं। उदाहरण के लिए, इक्विटी (Equity) फंड्स, बॉन्ड फंड्स (फिक्स्ड इनकम फंड्स), डेट फंडस या फिर फंड्स जिनमे दोनों में इन्वेस्ट किया जा सकता हो, याने :बैलेंस फंड्स।

इक्विटी: शेयर्स (कॉमन स्टॉक), म्युचुअल फंड (MF): किसी कंपनी के शेयर खरीदना।

  • इक्विटी शेयरस लिक्विडिटी प्रदान करता; आप इनके वैल्यू बढ़ने पर, इन्हे बेच कर पैसा कमा सकतें है। कैपिटल मार्केट में आसानी से बिकता हैं।
  • अधिक लाभ की स्थिति में इनसे हाई रेट पर प्रॉफिट प्राप्त होता है।
  • इक्विटी शेयर होल्डर्स को कंपनी के मैनेजमेंट को नियंत्रित करने का कलेक्टिव अधिकार देता ह।
  • इक्विटी शेयर होल्डर्स को दो तरह से लाभ मिलता है, वार्षिक डिविडेंट और शेयर होल्डर्स के इन्वेस्टमेंट पर उसके मूल्य में वृद्धि होने के कारन से होने वाला लाभ ।
  • इक्विटी शेयरस में हाईएस्ट रिस्क होता है।
  • म्युचुअल फंड (MF) इसके तुलना में कम रिस्की होता है।
  • बहुत सारे इन्वेस्टर्स का कलेक्टिव फंड, एसेट मैनेजिंग कंपनीज द्वारा, अलग अलग सेक्टर्स के कंपनीज के शेयर्स खरीदने के लिए इन्वेस्ट कर, इन्वेस्टर्स को लाभ दिलाने के उद्देश्य से किया जाता है।
  • डेट फंडस (स्टॉक और एमएफ) : जब किसी कंपनी को फंड्स की ज़रूरत होती है तो वह इन्वेस्टर्स के पास से पैसा उधर के तौर पर लेती है। बदले में, वे एक स्थिर और नियमित इंटरेस्ट इन्वेस्टर्स को देना का वादा करती है। इस प्रकार, सरल शब्दों में, डेट फंड्स काम करते हैं।
  • इनकम फण्ड: इसमें इंटरेस्ट पर निर्णय लिया जाता है और मुख्य रूप से एक्सटेंडेड मचुरिटी वाले डेट सिक्युरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता। यह उन्हें डायनेमिक बॉन्ड फंड की तुलना में अधिक स्थिर बनाता है। इनकम फंड की एवरेज मैच्योरिटी लगभग पांच से छह साल की होती है।
  • शॉर्ट-टर्म और अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म डेट फंड: ये डेट फंड हैं जो एक साल से लेकर तीन साल तक की कम पीरियड के मैच्योरिटी वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। कंसरवेटिव इन्वेस्टर्स शॉर्ट-टर्म फंड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं, क्योंकि ये फंड इंटरेस्ट रेट के उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं।
  • लिक्विड फंड: लिक्विड फंड 91 दिनों से अधिक की मैच्योरिटी वाले डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश नहीं करते हैं। यह उन्हें लगभग रिस्क फ्री बनाता है। लिक्विड फंडों ने शायद ही कभी नेगेटिव रिटर्न दिया है । ये फंडस हायर यील्ड्स के साथ साथ लिक्विडिटी भी प्रदान करते हैं। कई म्यूचुअल फंड कमनीयाँ लिक्विड फंड इन्वेस्टमेंट पर इंस्टेंट रिडेम्पशन (तत्काल पैसा निकलपने) की फैसिलिटी प्रदान करती हैं।
  • गिल्ट फंड: ये फंड केवल हाई रेटेड क्रेडिट, सरकारी सिक्युरिटीज में, जिन में बहुत कम रिस्क होता है, में इन्वेस्टइन्वेस्ट करते है। इस वज़ह से फिक्स्ड इनकम वाले इन्वेस्टर्स के बीच लोकप्रिय हैं, क्योकि वे ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहतें हैं।
  • क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड (FMP): ये तुलनामूलक नए डेट फंड हैं। अन्य डेट फंडों के तुलना में, क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड डेट इंस्ट्रूमेंट्स की मेचूरिटी पीरियड के अनुसार इन्वेस्ट नहीं करते हैं। ये फंड क्रेडिट रिस्क्स के अनुसार या हाई इंटरेस्ट रेट वाले, कम-रेटेड बॉन्डस में इनवेस्टेड रह कर हाईेर रिटर्न्स कमाने का प्रयास करते हैं। क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड रीलेटिव्ली रिस्की डेट फंड हैं।
  • फिक्स्ड मेचुरीटी प्लॉनस :(FMP) क्लोज-एंडेड डेट फंड हैं। ये फंड फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में भी इन्वेस्ट करते हैं। सभी FMP का एक फिक्स्ड समय होता है, जिस दौरान आपका पैसा लॉक-इन रहता है। यह समय महीनों या वर्षों में हो सकता है। आप केवल इनिशियल ऑफ़र पीरियड के दौरान ही इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं। यह एक फिक्स्ड डिपाजिट की तरह है जो बेहतर, टैक्स एफिसिएंट रिटर्न दे सकता है, लेकिन हाई रिटर्न की गारंटी नहीं देता है।
  • बैलेंस्ड या हाइब्रिड म्यूचुअल फंड, वन-स्टॉप (one -stop) इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जो इक्विटी और डेट दोनों सेगमेंट में इन्वेस्टमेंट ऑफर करते हैं। हाइब्रिड फंड का मुख्य उद्देश्य रिस्क-रिवॉर्ड के रेश्यो को बैलेंस करना और इन्वेस्टमेंट पर रेतुर्न को ऑप्टिमाइज़ (optimize) करना है।

इन सारे प्रकार के म्यूच्यूअल फंड्स में भी और खास तरह के फंड्स में इन्वेस्ट किया जा सकता है, जैसे सेक्टर-फंड् – जैसे फार्मा, हैल्थ केयर, बैंकिंग, आई टी, आदि, विशेष प्रकार के इंडस्ट्री में इन्वेस्ट करने का मौका देता है और ग्रोथ-फंड्स इन्वेस्टर्स को उन कम्पनीज के शेयर्स में इन्वेस्टमेंट पर फोकस प्रदान करता है जिनके कैपिटल वैल्यू में वृद्धि (Capital appreciation) हो ।

म्युचुअल फंड क्या है?

ज़्यादातर लोगों को म्यूच्यूअल फंड्स पेचीदे और डरावने लग सकते हैं| हम आपके लिए बिलकुल बुनियादी स्तर पर इसे सरल और स्पष्ट करने की कोशिश करेंगे| दरअसल, बहुत सारे निवेशकों की धनराशि जमा होने पर ही म्यूच्यूअल फंड की सृष्टि होती है| इस फंड के प्रबंधन के लिए फंड प्रबंधक नियुक्त होते हैं|

ये एक ऐसा ट्रस्ट है जो बड़ी संख्या में ऐसे निवेशकों की धनराशि एकत्रित करता है, जिन निवेशकों का एक उभय निष्ठ/एकसा उद्देश्य है| तत्पश्चात, विभिन्न विकल्पों जैसे इक्विटी, बांड, मुद्रा बाज़ार के साधनों, और/अथवा अन्य सिक्योरिटीज में ये राशि निवेश करती है| हर निवेशक इकाइओं का मालिक होता है जो फंड के मल्कियत के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं| इस सामूहिक निवेश से जो आमदनी /लाभ उत्पन्न होता है, उसे सही अनुपात में निवेशकों में वितरित कर दिया जाता है, स्कीम के ‘नेट एसेट वैल्यू’ या NAV की गणना के पश्चात कुछ व्यय उस राशि में से घटा भी लिए जाते हैं| सीधे शब्दों में गर कहें, एक आम आदमी के लिए म्यूच्यूअल फंड सबसे साध्य विकल्प है जो उसे विभिन्न प्रकार के, व्यावसायिक द्वारा प्रबंधित सिक्योरिटियों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, और जिसकी लागत भी अपेक्षाकृत कम है|

म्यूचुअल फंड की विशेषताएं और लाभ

अकाउंट खोलने की आसान प्रक्रिया के माध्यम से मात्र 5 मिनट में इन्वेस्टमेंट करने के लिए तैयार हो जाएं.

1,600+ फंड में से चुनें

कई एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (एएमसीएस) के सर्वश्रेष्ठ म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करें.

इन्वेस्टमेंट और मोड चुनने की आज़ादी

दो तरीकों से इन्वेस्ट करने की सुविधा - लंपसम इन्वेस्टमेंट या सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी).

किफायती इन्वेस्टमेंट

लंपसम और एसआईपी के लिए मात्र रु. 100 से अपना म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट शुरू करें.

कोई कमीशन नहीं

आप हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से 0% कमीशन के साथ डायरेक्ट प्लान में इन्वेस्ट कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड (एमएफ) इन्वेस्टमेंट अतियोग्य प्रोफेशनल्स द्वारा मैनेज किए जाते हैं. ये फंड कई इन्वेस्टर्स से पैसे जोड़कर बनाए जाते हैं और स्टॉक्स, बॉन्ड और शॉर्ट-टर्म डेट जैसी सिक्योरिटीज़ में इन्वेस्ट किए जाते हैं. फंड के दिशानिर्देशों के अनुसार इन्वेस्टमेंट किए जाते हैं.

एसेट क्लास के अनुसार, म्यूचुअल फंड को इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड में वर्गीकृत किया जाता है. आप बजाज फाइनेंस के साथ म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं और अधिक लाभ और वृद्धि के अवसर प्राप्त कर सकते हैं.

एमएफ के लिए कैसे अप्लाई करें

एमएफ संबंधी सामान्य प्रश्न

डिस्क्लेमर

म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं; स्कीम से संबंधित म्यूच्यूअल फंड क्या है सभी डॉक्यूमेंट ध्यान से पढ़ें.

बजाज फाइनेंस लिमिटेड ('बीएफएल') आरबीआई के साथ डिपॉजिट स्वीकार करने वाले नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल संस्थान के रूप में रजिस्टर्ड है, और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया ("एएमएफआई") के साथ थर्ड पार्टी म्यूचुअल फंड (जिसे संक्षेप में 'म्यूचुअल फंड' कहा जाता है) के डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में रजिस्टर्ड है.

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले कस्टमर बजाज फिनसर्व डायरेक्ट लिमिटेड ("बीएफडीएल") के माध्यम से अपना इन्वेस्टमेंट करने पर विचार कर सकते हैं, जो बजाज फिनसर्व लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और यह रजिस्ट्रेशन नंबर आईएनए000016083 के साथ इन्वेस्टमेंट एडवाइज़र के रूप में सेबी के साथ रजिस्टर्ड है. बीएफडीएल प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड केवल निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध हैं और ये भारत के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के बाहर रहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए उपलब्ध नहीं हैं. यहां पर यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि बीएफएल केवल संभावित कस्टमर को रेफर कर रहा है जो बीएफडीएल की डायरेक्ट म्यूचुअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने में रुचि ले सकते हैं, इस मामले में बीएफएल स्वयं को सभी जोखिम और जिम्मेदारियों से मुक्त रखता है.

बीएफएल किसी भी तरीके से या किसी भी रूप में इन्वेस्टमेंट सलाहकार सर्विसेज़ प्रदान नहीं करता है. बीएफएल इन्वेस्टर की जोखिम प्रोफाइलिंग नहीं करता है और किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम या अन्य इन्वेस्टमेंट के लिए स्वतंत्र रिसर्च या विश्लेषण नहीं करता है. बीएफएल द्वारा कोई कस्टमाइज़्ड/पर्सनलाइज्ड उपयुक्तता मूल्यांकन नहीं किया जाता है. इसके अलावा, बीएफएल इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न की कोई गारंटी नहीं देता है. इसलिए, इन्वेस्टमेंट पर अंतिम निर्णय पूरी तरह से और हर समय केवल इन्वेस्टर का ही होगा और बीएफएल इसके किसी भी परिणाम के लिए उत्तरदायी नहीं होगा न ही उत्तरदायी ठहराया जा सकेगा.

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