एड्रेस उस विशेष पता, अकाउंट, या प्लेटफॉर्म को कहते हैं, जहां क्रिप्टो भेजा जा रहा है. यह किसी बैंक अकाउंट जैसा ही होता है, लेकिन इसमें बस क्रिप्टोकरेंसी होती है. हर एड्रेस में अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर होते हैं और इनका इस्तेमाल क्रिप्टो संपत्ति को हाई सिक्योरिटी में रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, क्रिप्टो रिसीव कर रहे रिसीवर को अगर इनपर अपनी ओनरशिप साबित करनी पड़े तो ये एड्रेस काम आते हैं.
आपके द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले कुछ प्रश्नों के उत्तर
क्योंकि सभी को DOGE पसंद है! DOGE की कीमत में आए अचानक उछाल के कारण ट्रेडिंग ट्रैफिक में भी बड़े पैमाने पर उछाल आया है। हमने समवर्ती उपभोक्ताओं में 1000% का इज़ाफ़ा देखा है। हम हर दिन बढ़ती तादाद में ट्रेडिंग वॉल्यूम, ट्रैफिक, नए उपभोक्ता, और सक्रिय ट्रेडर्स के प्रत्यक्ष साक्षी हैं। हम अपनी कार्य प्रणाली को और अधिक उपभोक्ताओं के लिए और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं ताकि आप आसानी से वज़ीरएक्स पर ट्रेड कर सकें।
यह इन दोनों बाज़ारों की मांग की विविधता के कारण है। अगर मांग उपलब्धता से ज्यादा है, तो कीमत ऊपर जाएगी। जब उपलब्धता ज्यादा है और मांग कम है तो कीमत नीचे जाएगी। अभी, ज्यादातर उपभोक्ता DOGE को USDT की जगह INR से खरीदने में रूचि दिखा रहे हैं और कम लोग DOGE को INR में बेचने में रूचि दिखा रहे हैं। इसका मतलब है की DOGE का बाजार भारतीय मुद्रा में ज्यादा रूचि दिखा रहा है USDT में कम। यही कारण है की INR बाजार में कीमत थोड़ी ज्यादा दिख रही है। इससे अधिक, वज़ीरएक्स की आर्डर बुक खुली है और हम कीमत को निर्धारित नहीं कर सकते और न ही अपने प्लेटफार्म पर किसी क्रिप्टो की कीमत को नियंत्रित कर सकते हैं।
प्र: वज़ीरएक्स की सहायता धीमे क्यों हैं?
- हमारी टीम के ~40% सदस्य COVID-19 से प्रत्यक्ष/परोक्ष रूप से प्रभावित हैं।
- पिछले तीन महीने में हमारे यहाँ साइन-अप 300% की रफ़्तार से बढ़े हैं।
- फरवरी से सपोर्ट आवेदन में 400% की बढ़ोतरी हुई है।
लेकिन क्या आप जानते हैं:
- वज़ीरएक्स की सम्पूर्ण टीम पिछले एक महीने से अधिक समय तक काम कर रही है और यहाँ तक कि सप्ताहांत की छुटी में भी काम हो रहा है।
- पिछले एक महीने में हमने अपनी सपोर्ट टीम में 150% की वृद्धि की है।
- अगले कुछ हफ्तों में हम इस टीम को और 300% बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।
प्र: क्या मै वज़ीरएक्स पर भरोसा कर सकता हूँ?
वज़ीरएक्स भारत की सबसे बड़ी एक्सचेंज है जिस पर 30 लाख से अधिक भारतीय भरोसा करते हैं। भले ही हमने वर्ष में उच्च विकास की योजना बनाई हो, लेकिन हमने अब तक जो विकास देखा है वह अभूतपूर्व है। हम अपने सिस्टम को और अधिक ट्रैफिक को संभालने के लिए काम कर रहें हैं। यह संभव है की तेज़ी से स्केलिंग करने के दौरान यहाँ वहां कुछ समस्याएँ आ सकती हैं। लेकिन यहाँ कुछ भी ऐसे नहीं है जिसे ठीक न किया जा सके।
हम यह सुनिश्चित करने के लिए कठिन परिश्रम करते रहेंगे कि आपके पास वज़ीरएक्स पर सबसे अच्छा ट्रेडिंग अनुभव है। हमेशा हमारे सहयोगी होने के लिए धन्यवाद।?
Disclaimer: Cryptocurrency is not a legal tender and is currently unregulated. Kindly ensure that you undertake sufficient risk assessment when trading cryptocurrencies as they are often subject to high price volatility. The information provided in this section doesn't represent any investment advice or WazirX's official position. WazirX reserves the right in its sole discretion to amend or change this blog post at any time and for any reasons without prior notice.
1. माइनिंग
माइनिंग शब्द थोड़ा भ्रामक हो सकता है क्योंकि माइनिंग शब्द का मतलब खनन होता है और इसे कोयला खनन या ऐसे ही किसी दूसरे खनिज के खनन से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन क्रिप्टो माइनिंग का मतलब नई डिजिटल कॉइन्स जेनरेट करने यानी पैदा करने से होता है. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इक्वेशन सॉल्व करने के बाद रिवॉर्ड के तौर पर यूजर को कॉइन्स मिलते हैं, यहां से इसे या तो किसी बायर को सीधे बेच दिया जाता है या फिर एक्स्चेंज पर इसकी ट्रेडिंग होती है.
हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं, वो खुद इनकी माइनिंग नहीं करते हैं. वो दूसरों के साथ क्रिप्टो एक्सचेंज कर सकते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे आप किसी भी इन्वेस्टमेंट टूल में करते हैं.
2. व्हेल
ऐसे अकाउंट्स, जिनके पास बहुत बड़ी संख्या कॉइन होते हैं और इसकी वजह से वो मार्केट को अपने दम पर प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें व्हेल अकाउंट कहते हैं. अधिकतर पॉपुलर क्रिप्टो कॉइन्स के बहुत से ऐसे व्हेल हैं, जो बाजार में बड़ी हैसियत रखते हैं. यहां तक कि अलग से कुछ ऐसी साइट्स हैं जो इन व्हेल्स अकाउंट को ट्रैक करती रहती हैं ताकि बाजार में पारदर्शिता बनी रहे. इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाजार का रुख कैसा रहने वाला है. बहुत से व्हेल अकाउंट्स या तो बड़े लार्ज फंड्स के हैं, या फिर काफी शुरुआत से क्रिप्टो में निवेश कर क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है रहे निवेशकों के.
3. वॉलेट
निवेशकों को अपनी क्रिप्टो कॉइन्स एक डिजिटल वॉलेट में रखनी होती है. यह क्रिप्टोग्राफी से सुरक्षित होती है और अगर कभी क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है आप अपना पासवर्ड भूल गए तो आप इस वॉलेट का एक्सेस खो देते हैं. क्रिप्टोकरेंसी एक डिसेंट्रलाइज्ड डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम पर काम करती है. यानी कि इसका कोई मुख्य केंद्रबिंदु नहीं है, कोई नियमन नहीं है, ऐसे में निवेशकों को अपने पासवर्ड को लेकर सतर्क रहना होता है.
बता दें कि ये वॉलेट दो तरह के होते हैं- हॉट और कोल्ड. हॉट वॉलेट हमेशा इंटरनेट से कनेक्टेड रहता है और इससे ऑनलाइन ट्रेडिंग की जाती है, वहीं, कोल्ड वॉलेट एक ऑफलाइन सेफ यानी तिजोरी की तरह होता है, जिसमें आप अपने कॉइन्स सुरक्षित रखते हैं.
4. ब्लॉकचेन
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग विस्तृत तौर पर पीयर-टू-पीयर नेटवर्क यानी कि दो या उससे ज्यादा पक्षों में आपस में डायरेक्ट नेटवर्किंग के जरिए काम करती है. ब्लॉकचेन एक तरह का डिजिटल लेजर यानी बहीखाता है, जिसपर हर क्रिप्टो एक्सचेंज की डिटेल्स स्टोर होती हैं. चूंकि इसमें कोई सेंट्रल डेटाबेस नहीं होता है और कोई भी कहीं से भी ब्लॉकचेन को एक्सेस कर सकता है, ऐसे में हैकिंग से इन्फॉर्मेशन के हैक होने या करप्ट होने का खतरा नहीं रहता है.
5. गैस
गैस उस फीस को कहते हैं तो क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन करने के लिए चुकानी पड़ती है. इस फीस से माइनर यानी कि कॉइन को जेनरेट करने वाले का खर्चा कवर होता है. माइनर्स हाई-फाई कंप्यूटर्स पर जटिल मैथेमेटिकल इक्वेशन्स को हल करते हैं, जिनके बदले में उन्हें रिवॉर्ड के रूप में कॉइन्स मिलती हैं. फीस कितनी होगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक को माइनर से कितनी जल्दी क्रिप्टोकरेंसी चाहिए.
भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज | Top Cryptocurrency Exchanges in India Hindi
आप इस पोस्ट को पढ़ रहे है इसका अर्थ है आप Cryptocurrency के बारे में जानते है आजकल शायद ही कोई होगा जिसने Bitcoin का नाम ना सुना हो लेकिन आपके मन में ये सवाल आया होगा की आखिर इस Cryptocurrency को खरीदे कैसे और बेचे कैसे इसका सीधा सा जवाब है exchanges जहां से आप इनको खरीद बेच सकते है। अब हम आपको बताएंगे भारत के Top Cryptocurrency Exchanges In India वो भी हिंदी में।
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Latest news in Hindi
- जब cryptocurrency exchange की बात आती है तो पहले नंबर पर रहता है भारत का CoinDCX का नाम सबसे पहले आता है।
- CoinDCX का मुख्यालय भारत के मुंबई में है और इसको 2018 में लॉन्च किया गया।
- क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज के रूप में इनके एक आंकड़े के मुताबिक इस 7.5 मिलियन लोगो द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
- आप इसमें कम से कम ₹100 से ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
- इससे आप Bitcoin, dogecoin, ethereum जैसी 200 cryptocurrency में निवेश कर सकते है।
- Zebpay की स्थापना 2014 में हुई और तब से लेकर आज तक इसमें 5 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता जुड़ गए है।
- Zebpay की सबसे बड़ी खासियत क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है की ये 162 देशों में उपलब्ध में है।
- Zebpay वेब, आईओएस और एंड्रॉइड पर उपलब्ध है।
WazirX
- WazirX भी आपको Bitcoin, Ethereum, Ripple, Litecoin आदि cryptocurrency में लेनदेन की सुविधा देता है।
- इसकी अपनी खुद की Cryptocurrency token का नाम WRX है।
- WazirX वेब, एंड्रॉइड और आईओएस मोबाइल, विंडोज और मैक ऐप आदि पर उपलब्ध है।
- CoinSwitch Kuber से भी आप ₹100 से Bitcoin में ट्रेडिंग स्टार्ट कर सकते है।
- वर्तमान में भारत में इसके सबसे ज्यादा उपयोगकर्ता है और इनकी संख्या 11 मिलियन है।
- इसमें आप 80+ cryptocurrency में इन्वेस्ट कर सकते है।
binance
- binance भी फिलहाल भारत में काफी ज्यादा चर्चा में है।
- इनका न्यूज ब्लॉग आपको खबरों तक पहुंचा सकता है।
Note:- आज हमने भारत के सबसे अच्छे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के बारे में क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है जाना cryptocurrency के बारे में जानने के लिए जुड़े रहे Jodhpurnationaluniversity.com से।
cryptocurrency बहुत risky है, कृपया अपने रिस्क और अपने सामर्थ्य से काम लें और किसी के बहकावे में न आए और किसी भी तरह के नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं है।
लेखक
इस कदम का क्या मतलब था?
क्रिप्टो ट्रेडिंग में गिरावट का मतलब है कि सरकार को नए लेवी से ज्यादा राजस्व प्राप्त करने की संभावना नहीं है। यह क्या करता है राज्य के अधिकारियों को कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर गतिविधि पर नज़र रखने का एक तरीका देता है। चूंकि कई डिजिटल टोकन में गुमनामी का तत्व होता है, इसलिए अधिकारी चिंतित हैं कि उनका उपयोग आतंकवादी-वित्तपोषण, धोखाधड़ी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा सकता है।
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एक जोखिम यह भी है कि एक अनियंत्रित वातावरण अधिक घरेलू बचत को अस्थिर परिसंपत्तियों की ओर आकर्षित कर सकता है, जिससे बचतकर्ता दुर्घटना की चपेट में आ सकते हैं।
क्या कर निर्णय अप्रत्याशित था?
ऐसा ज़रुरी नहीं है की भारत का डिजिटल मुद्राओं के साथ गर्म और ठंडे संबंध रहे हैं। सरकार क्रिप्टो की डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र तकनीक को बढ़ावा देने की इच्छुक है, जिसे ब्लॉकचेन के रूप में जाना जाता है। हालाँकि 2018 में, भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकों को क्रिप्टो रखने या क्रिप्टो लेनदेन की सुविधा देने से रोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में इसे रद्द कर दिया, लेकिन नियामक अनिश्चितता बनी हुई है और भारतीय बैंक अभी भी क्रिप्टो स्टार्टअप के साथ काम करने में संकोच कर रहे हैं।
सरकारी अधिकारियों और वित्तीय नियामकों ने क्रिप्टो के जोखिमों के बारे में चेतावनी देना जारी रखा है, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी। रबी शंकर ने क्रिप्टोकरेंसी की तुलना पोंजी योजनाओं से की और सुझाव दिया कि उन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। वित्त सचिव टी. वीसोमनाथन ने कहा कि भारत क्रिप्टो ट्रेडिंग को जुए और सट्टा से होने वाली कमाई की तरह मान रहा है।
क्या व्यापार बंद हो गया या बस कहीं और चला गया?
यह बताना मुश्किल है क्योंकि अभी डेटा की कमी है। स्थानीय एक्सचेंज वज़ीरएक्स ने कहा कि लंबी अवधि के क्रिप्टो धारक अभी भी खरीद और बिक्री कर रहे थे, लेकिन अन्य विदेशी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट कर रहे थे या टैक्स से बचने के लिए तथाकथित विकेन्द्रीकृत एक्सचेंजों पर सीधे एक दूसरे के साथ काम कर रहे थे।
Chainalysis के अनुसार, भारत में क्रिप्टो में निवेश अप्रैल 2020 में लगभग 923 मिलियन डॉलर से बढ़कर मई 2021 में लगभग $6.6 बिलियन हो गया। बढ़ते व सुशिक्षित मध्यम वर्ग के साथ, देश की 1.4 अरब लोगों की आबादी युवाओं से कम है। Chainalysis के डेटा से पता चलता है कि कम विकसित पारंपरिक वित्तीय प्रणाली के साथ वियतनाम के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो गोद लेने की दर का नेतृत्व किया।
क्रिप्टो एसेट्स का वर्गीकरण
इस साल के बजट में भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट् को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के तौर पर माना. हालांकि क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है इन्हें एसेट्स माना गया है लेकिन वर्चुअल डिजिटल एसेट्स टैक्स के मामले में अन्य प्रकार के एसेट्स से अलग हैं. केंद्रीय बजट 2022 के मुताबिक वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से मुनाफे पर फ्लैट 30 फीसदी का टैक्स चुकाना होगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसीज को कैपिटल एसेट्स माना जाता है. ऐसे में जब क्रिप्टोकरेंसी की बिक्री पर मुनाफा होता है तो इस पर लांग टर्म क्रिप्टो एसेट्स या शॉर्ट टर्म क्रिप्टो एसेट्स के आधार पर टैक्स चुकाना होता है. अमेरिकी कानून के मुताबिक एक साल से कम की एसेट होल्डिंग शॉर्ट टर्म है.
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नुकसान एडजस्ट करने का प्रावधान
भारत में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर एक्विजिशन कॉस्ट को छोड़कर डिडक्शन का फायदा नहीं मिलता है और अगर नुकसान हुआ है तो इसे सेट ऑफ या कैरी फारवर्ड नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा अन्य प्रकार के कैपिटल एसेट्स (वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को छोड़) की बिक्री पर नुकसान हुआ है तो कुछ शर्तों के साथ कैपिटल एसेट्स गेन के साथ सेट ऑफ किया जा सकता है और अगर नहीं कर पा रहे हैं तो इसे अगले आठ साल तक इसे कैपिटल गेन के साथ एडजस्ट कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी इनकम टैक्स कानून के तहत क्रिप्टो एसेट्स में निवेश पर अगर नुकसान हआ है तो इसे आय के अन्य स्रोत से सेट ऑफ कर सकते हैं. अगर इस नुकसान को एडजस्ट नहीं कर पा रहे हैं तो इसे आगे निवेश से हुए मुनाफे से सेट ऑफ के लिए कैरी फारवर्ड भी कर सकेंगे.
बजट 2022 में केंद्र सरकार ने एक सीमा से अधिक बिक्री वैल्यू के वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 1 फीसदी टीडीएस का प्रावधान किया है. वहीं गिफ्ट में अगर क्रिप्टो मिलता है तो इस पर भी टैक्स चुकाना होगा, अगर इसकी फेयर मार्केट वैल्यू एक थ्रेसहोल्ड लिमिट के ऊपर होती है लेकिन रिश्तेदारों व खास मौके पर मिले गिफ्ट पर एग्जेम्प्शन मिलेगा. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका की बात करें तो क्रिप्टो एसेट्स एसेट्स में पेमेंट पर कोई विदहोल्ड टैक्स नहीं है. इसके अलावा गिफ्ट मिलने पर कोई टैक्स नहीं देना होगा लेकिन अगर भविष्य में इसकी बिक्री करते हैं तो कैपिटल गेन्स टैक्स चुकाना होगा. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि जिस शख्स ने क्रिप्टो गिफ्ट में दिया है, उसकी जानकारी सरकार को दे, अगर इसकी वैल्यू एक लिमिट के ऊपर है.
कारोबारी लेन-देन में प्रावधान
अगर किसी गुड्स या सर्विसेज के बदले में क्रिप्टो से भुगतान मिला है तो टैक्सपेयर को इस पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा यानी कि शुरुआती खरीद भाव और मौजूदा भाव के अंतर पर. वहीं जिसे पेमेंट मिला है, उसे आय मानते हुए रेगुलर टैक्स रेट्स के हिसाब से टैक्स देना होगा. वहीं दूसरी तरफ भारत में बजट 2022 में सरकार ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं किया है कि जब इसका इस्तेमाल करेंसी के तौर पर किया जाएगा तो कैसे टैक्स देनदारी बनेगी. यहां अभी ‘ट्रांसफर’ को लेकर स्पष्टता की जरूरत है.
भारत में केंद्रीय बजट 2022 में स्टेकिंग, माइनिंग, लेंडिंग, क्रिप्टोक्यूरेंसी में स्कैल्प ट्रेडिंग क्या है बॉरोइंग, एयरड्रॉप्स, फोर्क्स, वॉलेट ट्रांसफर्स, पी2पी ट्रांसफर्स, गेमिंग, गिफ्टिंग, डोनेशंस इत्यादि से हुई आय को लेकर कोई प्रावधान नहीं तय किए हैं. वहीं अमेरिका में अगर आप माइनिंग, किसी गुड्स या सर्विसेज के प्रमोशन या पेमेंट के लिए क्रिप्टो पाते हैं तो इसे रेगुलर टैक्सेबल इनकम माना जाता है. इस पर जिस दिन इसे प्राप्त किया है, उस दिन के बाजार भाव पर अपने रेगुलर इनकम टैक्स रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होता है.
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