क्रिप्टोकरेंसी में क्यों जगी है इतनी दिलचस्पी
अब तक जिन देशों के पास तेल और डॉलर जैसी विदेश मुद्रा के बड़े भंडार होते, वे अमीर माने जाते. लेकिन अब आभासी मुद्रा की 'क्रिप्टोमाइनिंग' तकनीक से पूरे वैश्विक क्रम को चुनौती मिल सकती है. रूस इसमें खूब दिलचस्पी दिखा रहा है.
रूस के अग्रणी क्रिप्टो-उद्योगपतियों में से एक 42 वर्षीय दिमित्री मरिनिचेव कहते हैं, "जिस तरह की मुद्रा के हम आदी हैं वो गायब होने वाली है." मरिनिचेव इंटरनेट मामलों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सलाहकार भी हैं. राजधानी मॉस्को के पास एक फुटबॉल के मैदान से भी बड़े दफ्तर में अपने क्रिप्टोमाइनिंग के ऑपरेशन में मरिनिचेव अपनी कंपनी के ग्राहकों के अकाउंट से लगातार वर्चुअल मुद्रा की माइनिंग करवाते हैं.
क्रिप्टोमाइनिंग, आभासी मुद्रा के लेन देन से जुड़ा शब्द है. इन आभासी मुद्राओं का लेन देन किसी भी देश के केंद्रीय बैंकों के दायरे से बाहर होता है. ऐसी डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टोकरेंसी इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें इनक्रिप्शन यानि छुपे हुए डिजिटल कोड की मदद से जारी की जाने वाले मुद्रा की इकाइयों, प्रामाणिकता और लेन देन का हिसाब रखा जाता है.
"डिजिटल सोना” बिटकॉइन
कई अरब डॉलर की आभासी मुद्रा 'बिटकॉइन' इस समय बाजार में है. डिजिटल सोना कहलाने वाली विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आभासी मुद्रा बिटकॉइन के लिए सबसे पहले ब्लॉकचेन तकनीक आयी. अब इसी तकनीक के इस्तेमाल से कमाई के कई नये तरीके भी इजाद कर लिये गये हैं. यानि लोगों को कमाई का एक और साधन मिल गया है.
इसके लोकप्रिय होने की एक और वजह यह है कि ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करना बहुत आसान है. जिस किसी के भी कंप्यूटर में ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर पर काम करने भर की कंप्यूटिंग शक्ति हो, वह क्रिप्टोमाइनिंग कर सकता है. इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण बताते हुए मरिनिचेव कहते हैं कि "कंप्यूटर के बारे में बहुत कम जानने वाले भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं."
ब्लॉकचेन तकनीक से कमाई
विश्व भर में आभासी मुद्राओं के लेन देन का पूरा ब्यौरा ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर में दर्ज होता है. दर्ज हुई इस जानकारी को मुहैया कराने के बदले में 'क्रिप्टोमाइनर्स' इसका भुगतान भी बिटकॉइन जैसी किसी वर्चुअल करेंसी में ही लेते हैं. इस प्रक्रिया को बिटकॉइन की दुनिया में "माइनिंग" कहते हैं. माइनिंग करने वाले एक 29 साल के युवा सर्गेई कहते हैं, "वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसी में क्यों जगी है इतनी दिलचस्पी करेंसी के मूल्य में आयी तेजी के कारण माइनिंग इतनी फायदेमंद हो गयी है कि इसे कोई अपना पेशा भी बना सकता है."
Blockchain: Security for online trade
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एक इलेक्ट्रिक ग्रिड कंपनी में काम करने वाले सर्गेई खुद अपने कंप्यूटर में आधा दर्जन ग्राफिक कार्ड लगाकर काम करते हैं. रूस में इसकी बढ़ती लोकप्रियता का आलम कुछ ऐसा है कि कंप्यूटर की दुकानों में ग्राफिक्स और वीडियो कार्ड के स्टॉक खत्म हो गये हैं. इन कार्डों का इस्तेमाल पहले केवल वीडियो गेम बनाने या खेलने वाले किया करते थे. लेकिन उसके बाद बिटकॉइन माइनर्स के काम आने के कारण इन कार्डों की मांग इतनी बढ़ी कि अब दुकानों पर इनका मिलना मुश्किल हो गया है. माइनर्स इस कार्ड से अपने निजी कंप्यूटरों की प्रोसेसिंग शक्ति को बढ़ाते हैं.
माइनिंग के लिए खुद को बदलता रूस
रूस में अचानक ऐसे माइनिंग फार्मों में काफी दिलचस्पी जगी है. अब इंटरनेट पर कई तरह के सामान और सेवाएं खरीदने के लिए देश में इनका इस्तेमाल बढ़ा है. मॉस्को के कई कैफे और रेस्तरां वर्चुअल करेंसी में भी भुगतान लेने लगे हैं. ऐसी आभासी करेंसी को पहले रूसी सरकार या सेंट्रल बैंक का समर्थन नहीं था. देश के बड़े बड़े बैंकों ने पिछले साल कुछ मामलों में मुद्रा के लेन देन में इसका परीक्षण भी किया. सेंट्रल बैंक एक "राष्ट्रीय आभासी मुद्रा" बनाने पर भी विचार कर सकता है. आने वाले महीनों में रूस में एक नये कानून के प्रस्ताव पर भी बहस होनी है, जिसका लक्ष्य देश में क्रिप्टोकरेंसी का उत्पादन और संरक्षण करना होगा.
कंप्यूटर में क्रिप्टोमाइनिंग करने में बिजली बहुत खर्च होती है. लेकिन रूस में अब भी बिजली काफी सस्ती होने के कारण वहां क्रिप्टोमाइनिंग को काफी बढ़ावा मिल सकता है. रूस में एक किलोवॉट घंटा बिजली के लिए केवल 1.3 अमेरिकी सेंट लगते हैं. इसके अलावा वहां साल के कई महीने जाड़े का मौसम होने के कारण कंप्यूटिंग में लगी इन भारी मशीनों को ठंडा रखने में भी सालाना कम ही बिजली खर्च होती है.
आभासी मुद्राओं का चढ़ता भाव
एक साल में ही बिटकॉइन और उसकी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी मुद्रा एथीरियम का मूल्य करेंसी एक्सचेंज की दुनिया में काफी ऊपर उठ गया था. एथीरियम को 23 साल के एक रूसी-कनाडाई व्यक्ति वितालिक बुटेरिन ने बनाया है, जिससे हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन ने मुलाकात भी की है.
2017 की शुरुआत से बिटकॉइन का मूल्य चार गुना से अधिक बढ़ कर 4,000 डॉलर से ऊपर है. वहीं एथीरियम का मूल्य भी इस साल जून में 374 डॉलर तक पहुंच गया था. लेकिन इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि डॉलर और तेल के मुकाबले अभी भी वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी का बाजार काफी नया और अस्थिरता से भरा है. फिर भी इसने अमीर बनने के लिए रूस समेत विश्व भर को एक नयी मुद्रा कमाने का रास्ता तो दिखा ही दिया है.
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सब पूछ रहे Crypto Tax से जुड़े ये 5 बड़े सवाल, अब खुद वित्त मंत्रालय ने दिए जवाब
Tax on Cryptocurrency in India: फाइनेंशियल ईयर 2022-23 क्रिप्टोकरेंसी में क्यों जगी है इतनी दिलचस्पी के बजट में डिजिटल एसेट्स से होने वाली इनकम पर 30% का टैक्स लगाने की बात कही गई है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर अधिकारियों ने इससे जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 05 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 05 फरवरी 2022, 5:59 PM IST)
- टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो को वैध करना नहीं
- एग्री इनकम छोड़कर हर इनकम है टैक्सेबल
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के बजट में भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारी-भरकम टैक्स (Tax on Cryptocurrency) का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2022-23 में अन्य प्रावधानों के साथ-साथ कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट में एक नया सेक्शन (115BBH) जोड़ा जाएगा. यह सेक्शन वर्चुअल डिजिटल करेंसी से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स (Income Tax) की वसूली से संबंधित है. इसकी घोषणा को लेकर देशभर में क्रिप्टो के फ्यूचर और नए टैक्स को लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए.
'बिजनेस टुडे' टेलीविजन के सिद्धार्थ जराबी और साक्षी बत्रा ने इस बारे में फाइनेंस मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर्स के साथ इन विषयों पर विस्तार से चर्चा की. पेश है बातचीत का संपादित अंश
सवालः सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाकर क्या उसे वैध कर रही है?
सीबीडीटी के चेयरमैन जे.बी. महापात्र का जवाबः आपके इस सवाल का जवाब है - ना. टैक्स लगाने का मतलब क्रिप्टो ट्रेडिंग या उससे होने वाले किसी तरह के फायदे या नुकसान को कानूनी रूप से वैध बनाना नहीं है. एक विभाग के तौर पर हम किसी बिजनेस या किसी भी सेक्टर के बिजनेस, किसी प्रोफेशन या फिर ट्रांजैक्शन की वैधता पर सवाल नहीं उठा सकते हैं. हमें ट्रेड के बाद टैक्सेशन के पहलू को देखने का अधिकार प्राप्त है.
सवालः भारत के क्रिप्टोकरेंसी का इकोसिस्टम कितना बड़ा है?
महापात्रः हमें भारत में काम कर रहे कुछ एक्सचेंज के बारे में जानकारी है. ऐसा कहा जा रहा है कि इनकी संख्या 40 है. इनमें से 10 बड़े एक्सचेंज हैं. सबसे बड़े एक्सचेंज का टर्नओवर 34,000 करोड़ रुपये है. ऐसे में कहा जा सकता है कि मार्केट का आकार काफी बड़ा है. अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 10 करोड़ लोगों ने किसी-ना-किसी रूप में क्रिप्टो में इंवेस्ट किया है. यह रकम काफी कम से काफी अधिक है. हमें यह जानने में कोई दिलचस्पी नहीं है कि निवेश की रकम छोटी है या बड़ी है. हमें क्वालिटी और इंवेस्टमेंट के सोर्स को लेकर इंटरेस्ट है. हम ऐसा यह देखते हैं कि इनकम का सोर्स वैध है या अवैध. अगर अवैध सोर्स से हुई कमाई को निवेश किया गया है तो ना सिर्फ ट्रेड से होने वाले फायदे पर टैक्स लगता है बल्कि पूरे अवैध इंवेस्टमेंट पर भी टैक्स लग जाता है. इस तरह इनकम टैक्स से क्रिप्टो मार्केट में एक तरह का ऑर्डर या अनुशासन लाया जा सकता है.
सवालः वर्चुअल डिजिटल एसेट्स क्या हैं?
महापात्रः आईटी एक्ट के 247A में डिजिटल एसेट्स (Digital Assets) को परिभाषित किया गया है. सिंपल शब्दों में कहा जा सकता है कि क्रिप्टोग्राफिक तरीके से जेनरेट किया गया कोई भी कोड या कोई भी इंफॉर्मेशन या कोई भी फॉर्मूला जिसमें कोई निहित मूल्य है और जिसे इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रांसमिट या स्टोर किया जा सकता है, उसे डिजिटल एसेट्स कहा जा सकता है. इसमें NFT भी शामिल है.
सवालः क्या 30 फीसदी टैक्स की दर बहुत ज्यादा नहीं है?
महापात्रः मुझे नहीं लगता है कि टैक्स की यह दर बहुत ऊंची है. कंपनियों से भी 30 फीसदी का टैक्स लिया जा रहा है. फर्म और एलएलपी से भी इसी रेट से टैक्स लिया जाता है.
सवालः कानून के बिना क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स क्यों?
वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथनः इनकम टैक्स एक्ट में कृषि से होने वाली इनकम को छोड़कर किसी भी अन्य इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर नहीं रखा गया है. क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली इनकम इस कानून से पहले भी टैक्सेबल है, आज भी है और एक अप्रैल के बाद भी रहेगी. केवल टैक्स का रिजीम बदल रहा है. यह एक अप्रैल से पहले भी टैक्सेबल है लेकिन 30 फीसदी की दर से नहीं है. अभी यह बिजनेस इनकम या कैपिटल गेन जैसे इनकम के क्लासिफिकेशन पर बेस्ड है. ऐसे में टैक्स को लेकर स्पष्टता लाने के लिए इसमें यह बदलाव किया गया है. लीगल और अनरेग्युलेटेड इनकम दोनों टैक्सेबल है. यहां तक कि अवैध आय भी टैक्सेबल है. अगर कोई आईएएस अधिकारी रिश्वत लेता है तो वह भी टैक्सेबल है. हालांकि, क्रिप्टो अवैध नहीं है.
Cryptocurrency Market: कंगाल भी कर देती है क्रिप्टोकरेंसी, Bitcoin में आई इतनी भारी गिरावट
Bitcoin में नवंबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद से अब तक 40% की गिरावट आ चुकी है. लगभग 13 साल पहले दुनिया में तहलका मचाने वाली इस क्रिप्टोकरेंसी में अभी भी अस्थिरता बनी हुई है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 07 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 07 जनवरी 2022, 5:26 PM IST)
- Bitcoin में बनी हुई है अस्थिरता
- Ether भी गिरा 8% से ज्यादा
- Bitcoin 13 साल पुरानी क्रिप्टोकरेंसी
निवेशकों के बीच तेजी से पॉपुलर हो रही क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में शुक्रवार को बड़े पैमाने पर बिकवाली देखी गई. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin भी इससे अछूती नहीं रही. शुक्रवार को Bitcoin में 5% की गिरावट देखी गई. ये अब एक बिटकॉइन की कीमत 41,000 डॉलर (करीब 30,47,600 रुपये) से नीचे आ गई है.
13 साल बाद भी अस्थिर बिटकॉइन
दुनिया को बिटकॉइन के बारे में करीब 13 साल पहले पता चला था, लेकिन अभी भी इसमें बहुत उतार-चढ़ाव देखा जाता है और यह लगातार अस्थिर बनी हुई है. शुक्रवार को बिटकॉइन का मूल्य 29 सितंबर के बाद का सबसे निचला स्तर है. नवंबर में इसने 69,000 डॉलर (लगभग 51,28,900 रुपये) के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ था और तब से अब तक इसमें 40% की गिरावट आ चुकी है.
कजाकिस्तान में इंटरनेट बंद होने का असर
कजाकिस्तान में इंटरनेट बंद किए जाने के बाद Bitcoin की वैल्यू में इस हफ्ते तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. इसकी क्रिप्टोकरेंसी में क्यों जगी है इतनी दिलचस्पी ग्लोबल कंप्यूटिंग पॉवर भी गिरी है. कजाकिस्तान में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग की इंडस्ट्री बहुत तेजी से पांव पसार रही है.
फेडरल रिजर्व की वजह से बढ़ा दबाव
Bitcoin पर यूएस फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्यौरा जारी होने के बाद दबाव बढ़ा है. फेडरल रिजर्व ने बुधवार को अपनी बैठक का ब्योरा जारी किया था. इससे ऐसा लगात है कि फेडरल रिजर्व बाजार के लिए अधिक आक्रामक पॉलिसी अपना सकता है. इससे मार्केट में जोखिम वाले एसेट्स को लेकर निवेशकों की दिलचस्पी में कमी आई है.
सिंगापुर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म स्टैक फंड्स के सीओओ मैथ्यू डिब ने कहा, "हम लगभग सभी बाजारों में अभी बड़े पैमाने पर जोखिम कम करने का सेंटिमेंट देख रहे हैं, क्योंकि अटकलबाजों के दिमाग में अभी महंगाई दर और ब्याज दर में वृद्धि से जुड़ी चिंता चल रही है."
मार्केट कैप के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो टोकन Ether 8.6% की गिरावट के साथ 3114 डॉलर (लगभग 2,31,470 रुपये) के स्तर पर आ गया है. यह अक्टूबर के बाद से क्रिप्टो का सबसे निचला स्तर है.
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- नई दिल्ली,
- 07 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 07 जनवरी 2022, 5:26 PM IST)
- Bitcoin में बनी हुई है अस्थिरता
- Ether भी गिरा 8% से ज्यादा
- Bitcoin 13 साल पुरानी क्रिप्टोकरेंसी
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13 साल बाद भी अस्थिर बिटकॉइन
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फेडरल रिजर्व की वजह से बढ़ा दबाव
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सिंगापुर क्रिप्टो प्लेटफॉर्म स्टैक फंड्स के सीओओ मैथ्यू डिब ने कहा, "हम लगभग सभी बाजारों में अभी बड़े पैमाने पर जोखिम कम करने का सेंटिमेंट देख रहे हैं, क्योंकि अटकलबाजों के दिमाग में अभी महंगाई दर और ब्याज दर में वृद्धि से जुड़ी चिंता चल रही है."
मार्केट कैप के लिहाज से दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो टोकन Ether 8.6% की गिरावट के साथ 3114 डॉलर (लगभग 2,31,470 रुपये) के स्तर पर आ गया है. यह अक्टूबर के बाद से क्रिप्टो का सबसे निचला स्तर है.
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