एडेलवाइस सेक्यूरिटीज की प्रमुख अर्थशास्त्री माधवी अरोड़ा कहती हैं, ''हमारी राय में यह तो होना ही था कि मूडीज रेटिंग घटाए और यह मोटे तौर पर यह बाजारों की ही स्थिति है. इसलिए विदेशी मुद्रा और रेट मार्केट में कोई अचानक उछाल थोड़े समय के लिए ही रहने की संभावना है.'' वाकई, शेयर बाजारों ने रेटिंग घटाए जाने को तवज्जो नहीं दी क्योंकि इसे पहले से इसकी उम्मीद थी. दरअसल, 2 जून को बॉम्बे शेयर बाजार का सेंसेक्स 522 अंक बढ़कर 33,826 पर पहुंच गया. दुनिया भर के बाजारों का रुझान सकारात्मक था, क्योंकि लंबे लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्थाएं खुल रही थीं.
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भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में हुई उल्लेखनीय वृद्धि, बाहरी ऋण से भी निकला आगे
भारतीय अर्थव्यवस्था बहुआयामी विकास की ओर बढ़ रही है। सरकार का अनुमान है कि इस वित्तीय वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी या 8.5 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर से आगे बढ़ेगी। इन सब के बीच एक महत्वपूर्ण उपलब्धि यह है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 634 बिलियन डॉलर हो गया है। ध्यान देने वाली बात है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 13.2 महीने के कुल भारतीय निर्यात से अधिक है और देश पर वर्तमान समय में जितना बाहरी कर्ज है, वह भी विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद के सापेक्ष में कम हो गया है। भारत के उच्च विदेशी मुद्रा भंडार में और भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि भारत की विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद ओर विदेशी निवेशक लगातार आकर्षित हो रहे हैं और साथ ही भारतीय निर्यात बढ़ रहा है, जिस कारण लाभ भी तेजी से देखने को मिल रहा है।
सरकार की PLI योजना कर रही है कमाल
विदेशी मुद्रा के संचय का यह लाभ है कि जब दूसरे देश मुद्रा की तरलता कम करेंगे, भारत तब भी अपने संचयित मुद्रा कोष का प्रयोग कर सकेगा। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की वृद्धि में निवेश और निजी उद्यमों की सबसे बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में सरकार की योजना निजी उद्यमियों को बढ़ावा देने की होनी चाहिए और सरकार यह कर भी रही है। PLI योजना भारत के औद्योगिकीकरण को सर्वांगीण विकास का अवसर दे रही है। PLI के कारण भारत कई नए सेक्टर, जैसे- सेमी कंडक्टर, ड्रोन, फूड प्रोसेसिंग आदि में मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर अग्रसर है। PLI विदेशी मुद्रा निवेश उत्पाद के जरिये बड़े औद्योगिक इकाइयों का विस्तार होगा। वहीं, स्टार्टअप की बात करें तो इस समय भारत में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण है और यह बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का कारण बन रहा है। IT सेक्टर में लगातार नौकरियों का विस्तार इसी का परिणाम है।
75 साल में आर्थिक मोर्चे पर कहां खड़ा है हिन्दुस्तान, देखें प्रति व्यक्ति आय से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार तक के आंकड़े
Happy Independence Day 2022: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आई विश्वव्यापी मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूती से अपने पैरों पर खड़ी है, बल्कि विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रही है। यह भविष्य के प्रति एक उम्मीद की किरण है। हम अपनी आजादी का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। देश की विकास यात्रा में इस बार पेश है अर्थव्यवस्था का हाल.
जम्मू और कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा की वेबसाइट
प्रयोक्ता जम्मू और कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एफआईआर की स्थिति, शिकायत, साइबर अपराध एवं नकली नोट आदि के बारे में विवरण दिए गए हैं। गुमशुदा और फरार व्यक्तियों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई है।
प्रयोक्ता उपभोक्ता कार्य विभाग और जम्मू - कश्मीर की सार्वजनिक वितरण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उपभोक्ता संरक्षण संगठन सेटअप, कानूनी मैट्रोलोजी, योजनाएं और अनाज आदि जारी करने पर सूचना दी गई है।
अर्थव्यवस्थाः साख पर लगा बट्टा
- नई दिल्ली,
- 12 जून 2020,
- (अपडेटेड 12 जून 2020, 3:08 PM IST)
सरकारी और व्यावसायिक इकाइयों के बॉन्ड की रेटिंग करने वाली मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने 1 जून को भारत की विदेशी मुद्रा और स्थानीय मुद्रा में दीर्घकालिक इशूअर रेटिंग एक अंक घटाकर 'बीएए2' से 'बीएए3' कर दिया है और यह भी कहा है कि नजरिया 'नकारात्मक' बना हुआ है. यह मूडीज के आकलन में निवेश के मामले में सबसे निचली रेटिंग है. बॉन्ड की क्रेडिट रेटिंग कॉर्पोरेट या सरकारी हुंडियों की साख का पता चलता है.
रेटिंग घटाने की वजह मूडीज ने 2017 से आर्थिक सुधारों पर कमजोर अमल, लगातार अपेक्षाकृत कमतर आर्थिक वृद्धि दर, सरकारों (केंद्र और राज्य) की काफी पतली वित्तीय हालत, और देश के वित्तीय क्षेत्र पर बढ़ते दबाव को बताया है.
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