MCD Elections 2022: जानिए उन वार्डों का हाल जहां राजनीति के दिग्‍गजों ने डाला था वोट

MCD Elections 2022: एमसीडी इलेक्‍शंस 2022 के लिए वोटों की गिनती जारी है। इस दौरान आप भाजपा को कांटे की टक्‍कर देती नजर आ रही है। एमएसीडी रणनीति क्या है? सुबह 9 बजे तक मिले रूझानों में आप का पलड़ा भारी है। आइए जानते हैं उन सीटों की वर्तमान स्थिति क्‍या है, जहां राजनीति के दिग्‍गजों ने वोट डाला था।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर मनीष सिसोदिया, बीजेपी सांसद परवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी, गौतम गंभीर और मनोज तिवारी जैसे नेता के वार्डों में क्या नतीजे रहे?

MCD Elections 2022: जानिए केजरीवाल के वार्ड की स्थिति

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल एमएसीडी रणनीति क्या है? एमसीडी एमएसीडी रणनीति क्या है? के वार्ड नंबर 74 चांदनी चौक के मतदाता हैं। चांदनी चौक की इस सीट पर आम आदमी पार्टी से पुनर्दीप सिंह, बीजेपी से रविंद्र सिंह और कांग्रेस से राहुल शर्मा चुनाव लड़े रहे हैं।अभी तक प्राप्‍त रूझानों में यहां आप आगे चल रही एमएसीडी रणनीति क्या है? है।

MCD Elections 2022: डिप्‍टी सीएम सिसोदिया का वार्ड

आम आदमी पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया दिल्ली एमसीडी के वार्ड नंबर 203 लक्ष्मी नगर से वोटर हैं।इस सीट पर आम आदमी पार्टी की मीनाक्षी शर्मा, बीजेपी से अल्का एमएसीडी रणनीति क्या है? राघव और कांग्रेस से सुनीता धवन की बीच मुकाबला है। ताजा आंकड़ों में यहां भी आप आगे चल रही है।

MCD Elections 2022: भाजपा प्रदेशाध्‍यक्ष एमएसीडी रणनीति क्या है? एमएसीडी रणनीति क्या है? के वार्ड का हाल

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष आदेश गुप्ता एमसीडी के वार्ड नंबर 141 राजेंद्र नगर में रहते हैं। दूसरी तरफ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली सीट से बीजेपी सांसद गौतम गंभीर भी इसी वार्ड के मतदाता हैं। इस वार्ड में बीजेपी से मनिका निश्चल, आम आदमी एमएसीडी रणनीति क्या है? पार्टी से आरती चावला और कांग्रेस से चीना मलिक चुनावी मैदान में है। इस सीट पर भाजपा की साख का सवाल है।

चाचा शिवपाल के साथ हो गया खेल, सपा में नहीं मिली जिम्मेदारी, जानिए क्या है वजह

यह समाजवादियों के लिए बड़ी जीत है. यह तब हुआ जब नेता जी हमारे बीच में नहीं हैं. चाचा अब साथ आ गए हैं. हम लोग अब 2024 और 2027 दोनों जीतेंगे.

चाचा शिवपाल के साथ हो गया खेल, सपा में नहीं मिली जिम्मेदारी, जानिए क्या है वजह

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रसपा का विलय सपा में कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनको भतीजे ने पार्टी में कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. इस वजह से सवाल उठने लगे हैं कि क्या अखिलेश और शिवपाल के बीच सब ठीक है और अगर ऐसा नहीं है तो अभी तक उन्हें कोई जिम्मेदारी क्यों नहीं दी गई है. हाल के दिनों में कई कार्यक्रमों में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव साथ में नजर आए लेकिन जब भी अखिलेश से शिवपाल को सपा में जिम्मेदारी को लेकर सवाल पूछा गया, उन्होंने जवाब नहीं दिया.

बता दें कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित एमएसीडी रणनीति क्या है? एक कार्यक्रम में साथ नजर आए. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि गुजरात मॉडल को मैनपुरी मॉडल ने फेल कर दिया. यह समाजवादियों के लिए बड़ी जीत है. यह तब हुआ जब नेता जी हमारे बीच में नहीं हैं. चाचा अब साथ आ गए हैं. हम लोग अब 2024 और 2027 दोनों जीतेंगे.

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग क्या-क्या सपने देखते थे? उन्होंने कहा कि आजमगढ़ हरा दिया, अब मैनपुरी भी हरा देंगे. हमारे सीएम करहल गए थे. अच्छा हुआ वो जसवंतनगर नहीं आए क्योंकि सीएम ये जानते नहीं कि जसवंतनगर-मैनपुरी के लोग स्प्रिंग के जैसे हैं, उनको जितना दबाओगे, वो उतना उछलेंगे.

गौरतलब है कि मैनपुरी के कार्यक्रम में सपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शिवपाल यादव ने मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में जीत के लिए वोटर्स और कार्यकतार्ओं का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि हम समाजवादी पार्टी के नेताओं के उत्पीड़न को रोकेंगे और संघर्ष करेंगे.

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