अब दूसरा सवाल जजों की नियुक्ति के कॉलेजियम सिस्टम को लेकर है। सचमुच दुनिया के किसी देश में ऐसा सिस्टम नहीं होगा कि जज ही जज को नियुक्त करें। इस लिहाज से यह अजीब सी चीज लगती है। हालांकि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि सेकेंड जज केस में कॉलेजियम सिस्टम बनाए जाने से पहले सरकारों द्वारा जजों की नियुक्ति का सिस्टम बहुत खराब था। सरकारें अपने पसंदीदा लोगों को जज नियुक्त करती थीं। उनकी नियुक्ति में कई बार वरिष्ठता के मान्य सिद्धांत का पालन नहीं होता था। प्रमोशन और तबादलों में भी सरकारें मनमानी करती थीं। आज भी अगर फिर नियुक्ति सरकार के हाथ में चली जाए तो फिर वैसा ही होगा। लेकिन अफसोस की बात है कि इस खतरे से बचने के लिए कॉलेजियम का जो सिस्टम अख्तियार किया गया वह पूरी तरह से अस्पष्ट और अपारदर्शी है। किसी को पता नहीं चलता है कि किस आधार पर किसी वकील को जज बनाने या किसी जज को प्रमोशन देकर उच्च अदालत या सर्वोच्च अदालत में जज बनाने की सिफारिश की गई है। यह भी पता नहीं चलता है कि सरकार किस आधार पर सिफारिशों को मंजूर या नामंजूर करती है। सब कुछ बेहद गोपनीय रखा जाता है। किसी उदार, लोकतांत्रिक देश में नियुक्तियों की प्रक्रिया का इस तरह से अपारदर्शी होना ठीक नहीं है।

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान

Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।

इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।

क्रिप्टो करेंसी के प्रकार

प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।

  1. डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
  2. इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
  3. इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।

क्रिप्टो करेंसी के नुकसान

  1. इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
  2. इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।

कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।

पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है?

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टकराव पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? से रास्ता नहीं निकलेगा

उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच जो गतिरोध बना है और टकराव शुरू हुआ है उससे क्या यह माना जाए कि अब ये पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? मामला निर्णायक दौर में पहुंच गया है? यह सवाल इसलिए है क्योंकि उच्च अदालतों और सर्वोच्च अदालत पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? में जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम जब से बना है तभी से सरकार और सर्वोच्च अदालत में टकराव चलता रहा है। लेकिन इससे पहले कभी किसी कानून मंत्री ने ऐसे दो टूक अंदाज में अदालत को जवाब नहीं दिया था, जैसा किरेन रिजीजू ने दिया है। इससे पहले कभी टकराव में ऐसी निरंतरता भी नहीं रही है और न कभी सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की इतनी सिफारिशें पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? एक साथ लौटाई गई हैं। सरकार ने एक साथ 19 सिफारिशें लौटा दी हैं, जिनमें 10 सिफारिशें तो ऐसी हैं, जो दोबारा भेजी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने सेकेंड जज केस में 1993 में जो फैसला दिया था और जिसके आधार पर कॉलेजियम बना था, उसके मुताबिक दोबारा भेजी गई सिफारिश को मानने के लिए सरकार बाध्य है लेकिन सरकार ने ऐसी 10 सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट को वापस भेज दी हैं।

बैंक मनी

यह मुद्रा का सबसे आधुनिक रूप है, इस धन को साख भी कहा पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? जाता है। इसमें केवल चेक, विनिमय बिल और ड्राफ्ट होते हैं।

  • चेक – एक चेक ग्राहक द्वारा अपने बैंक पर या किसी अन्य पार्टी को एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिए एक बिना शर्त आदेश है।
  • विनिमय के बिल – एक बिल ऑफ एक्सचेंज ड्रॉअर द्वारा ड्रॉअर या किसी अन्य पार्टी को एक राशि का भुगतान करने का एक आदेश है।
  • ड्राफ्ट – ड्राफ्ट एक बैंक द्वारा अपनी शाखा या किसी अन्य बैंक की शाखाओं पर आहरित एक चेक होता है, जो उस पर नामित व्यक्ति को एक विशिष्ट राशि का भुगतान करने का अनुरोध करता है।

लीगल टेंडर मनी

वह धन जिसे कोई व्यक्ति भुगतान के साधन के रूप में और ऋण के निर्वहन के रूप में स्वीकार करता है, कानूनी निविदा सूचना कहलाता है। सरकार द्वारा जारी सभी नोट और सिक्के। और केंद्रीय बैंक कानूनी निविदा पैसे हैं। लीगल टेंडर मनी दो तरह की होती है।

  • सीमित कानूनी निविदा राशि – वह धन जो एक निश्चित सीमा तक भुगतान के साधन के रूप में उपयोग किया जा सकता है, सीमित निविदा धन कहलाता है। सिक्के।
  • असीमित कानूनी निविदा धन – वह धन जिसका उपयोग किसी भी सीमा या राशि तक भुगतान के साधन के रूप में किया जा सकता है, उदाहरण के लिए SBP द्वारा जारी किए गए सभी नोट।

नॉन लीगल टेंडर मनी बैंक मनी चेक, बिल ऑफ एक्सचेंज का रूप है, एक प्रॉमिसरी नोट लीगल टेंडर मनी नहीं है। रॉबर्टसन इसे “वैकल्पिक धन” कहते हैं। तो गैर कानूनी निविदा धन वह धन है जिसे कोई व्यक्ति भुगतान के साधन के रूप में स्वीकार कर सकता है या नहीं भी कर सकता है।

प्लास्टिक मनी

प्लास्टिक मनी का मतलब होता है क्रेडिट कार्ड, स्मार्ट कार्ड। प्लास्टिक कार्ड जिनमें विशेष रूप से अक्षरों का सेट मुद्रित होता है। हाल ही में इस पैसे का इस्तेमाल बढ़ा है।

एक प्रकार का पैसा जिसे आसानी से पैसे में बदला जा सकता है। इसमें जमा, सरकारी बांड, मुद्रित बांड आदि शामिल थे।

पैसे का प्रकार से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियां

पैसा क्या है?

मुद्रा एक ऐसी वस्तु है जिसे सामान्य सहमति द्वारा आर्थिक विनिमय पूरी दुनिया में कौन सी मुद्रा स्वीकार की जाती है? के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाता है। यह वह माध्यम है जिसमें कीमतों और मूल्यों को व्यक्त किया जाता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और एक देश से दूसरे देश में व्यापार की सुविधा प्रदान करता है, और यह धन का प्रमुख उपाय है।

कागजी मुद्रा का सर्वप्रथम प्रयोग कब किया गया?

कागज के पैसे का पहली बार इस्तेमाल चीन में 1,000 साल से भी पहले हुआ था। 18वीं सदी के अंत और 19वीं शताब्दी के प्रारंभ तक, कागजी मुद्रा और बैंक नोट दुनिया के कई अन्य हिस्सों में फैल गए थे।

सिक्कों का सर्वप्रथम प्रयोग मुद्रा के रूप में कब किया गया?

पैसे के लिए धातु के उपयोग का पता 2000 ईसा पूर्व से पहले बेबीलोन में लगाया जा सकता है । सिक्का के रूप में मानकीकरण और प्रमाणीकरण शायद 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व तक अलग-अलग उदाहरणों को छोड़कर नहीं हुआ था। इतिहासकार आम तौर पर अनातोलिया के एक राज्य, लिडिया के राजा क्रॉसस को गढ़े हुए पैसे के पहले उपयोग का श्रेय देते हैं।

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